Vishwakarma Jayanti 2023: आज शुक्रवार के दिन विश्वकर्मा जयंती मनाई जा रही है. विश्‍वकर्मा को भगवान शिव का अवतार भी माना जाता है.भगवान विश्वकर्मा को दुनिया में सबसे पहले वास्तु और इंजीनियरिंग की उपाधि दी गई है.


आज के दिन सभी लोग अपने घरों में सुख-शांति और अपने और अपने कारोबार में तरक्की के लिए विश्वकर्मा पूजा करते हैं. इस दिन भगवान विश्वकर्मा की पूजा की जाती है. इस दिन विश्वाकर्मा की पूजा के साथ औजार और मशीनरी की पूजा करना भी बेहद शुभ माना जाता है.


मशीन-औजार की पूजा का विश्वकर्मा जयंती पर महत्व


ऐसा माना जाता है कि देवी-देवताओं से जुड़े सभी निर्माण के कार्य भगवान विश्वकर्मा ही करते थे. माना यह भी जाता है कि त्रेतायुग में विश्वकर्मा जी ने सोने की लंका बनाई थी, साथ ही पुष्पक विमान भी बनाया था,  वहीं द्वापर युग की बात करें तो द्वारका नगरी का  भी निर्माण किया था.


इनके अलावा देवी-देवताओं के महल, रथ, हथियार भी भगवान विश्वकर्मा ही बनाते हैं. ये दिन उन लोगों के लिए बहुत खास है जो निर्माण के कार्यों से जुड़े हैं, जैसे मकान बनाने वाले कारीगर, फर्नीचर बनाने वाले, मशीनरी से जुड़े लोग, कारखानों से जुड़े लोग. वो सभी मजदूर जो घर का निर्माण करते है. इन सभी लोगों के लिए विश्वकर्मा जयंती एक बड़ा  दिन है.


विश्वकर्मा जी ने बनाई थी द्वारका नगरी


द्वापर युग में जब भगवान श्रीकृष्ण ने कंस का वध कर दिया तो कंस के ससुर जरासंध श्रीकृष्ण को मारने के लिए मथुरा पर बार-बार आक्रमण करने लगे. श्रीकृष्ण और बलराम बार-बार उसे पराजित कर देते थे, लेकिन जब जरासंध के हमले ज्यादा बढ़ने लगे तो श्रीकृष्ण ने मथुरा की रक्षा के मथुरा छोड़ने का निर्णय ले लिया.


उस समय श्रीकृष्ण ने विश्वकर्मा जी से सुरक्षित जगह पर एक अलग नगरी बनाने के लिए कहा था. तब विश्वकर्मा जी ने द्वारका नगरी का निर्माण किया. इसके बाद श्रीकृष्ण-बलराम और यदुवंशी द्वारका नगरी में रहने चले गए थे. तो आप भी आज के दिन अपने ऑफिस, कारखानों ,दुकानों पर करें भगवान विश्वकर्मा की पूजा. ये पूरा साल आपका धन-धान्य से परिपूर्ण होगा.


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