Vishwakarma Puja 2019: आज देशभर में भगवान विश्वकर्मा की पूजा की जा रही है. भगवान विश्वकर्मा को निर्माण और सृजन के देवता के रूप में जाना जाता है. मान्यताओं के अनुसार विश्वकर्मा भगवान का जन्म माघ महीने के शुक्ल की त्रयोदशी को हुआ था. ऐसा माना जाता है कि उन्होंने देवताओं के महलों और आलीशान भवनों का निर्माण किया. उनको शिल्प कला के लिए जाना जाता है. विश्वकर्मा सृष्टि को रचने वाले ब्रह्मा जी के सातवें धर्म पुत्र के तौर पर जाना जाता है.
विश्वकर्मा भगवान से जुड़ी कहानी
पौराणिक कहानियों की मानें तो एक बार देवता राक्षओं से परेशान थे. उन्होंने विश्वकर्मा से मदद मांगी. विश्वकर्मा ने देवताओं की मदद के लिए महर्षि दधीची की हड्डियों से इंद्र के लिए वज्र बनाया. फिर क्या था वह व्रज यह इतना प्रभावशाली था कि राक्षओं का सर्वनाश हो गया. इसी वक्त से विश्वकर्मा देवताओं के बीच काफी महत्वपूर्ण स्थान पाने लगे. ऐसा माना जाता है कि सृजन और निर्माण के देवता विश्वकर्मा ने ही रावण की लंका, पांडवों की इंद्रप्रस्थ और कृष्ण की द्वारिका का निर्माण किया.
क्या होता है इस दिन खास
भगवान विश्वकर्मा की पूजा के दिन ऑफिस, कारखानों, उद्योगों आदि में मशीनों की पूजा की जाती है. ऐसा माना जाता है कि वह शिल्प निर्माण के साथ यंत्र के भी देवता हैं. कोई भी मनुष्य बिना शिल्प ज्ञान के निर्माण का काम नहीं कर सकता है और इसी लिए आज के दिन लोग उनकी पूजा करते हैं.
क्या है पूजा विधि
-वाहनों और मशीनों को साफ कर लें
-इसके बाद नहा-धोकर पूजा के लिए तैयार हो जाएं.
-पहले विष्णु भगवान की पूजा करें और फिर भगवान विश्वकर्मा का ध्यान करें.
-अक्षत, फूल, मिठाई, सुपारी, दही आदि ले लें.
-इसके बाद भगवान विश्वकर्मा की मुर्ति पर फूल और अन्य चीजों को अर्पित करते हुए कहें- हे भगवान विश्वकर्मा, आईए और पूजा स्वीकार कीजिए.
-इसके बाद सभी मशीनों पर तिलक लगाएं
-अंत में बाद ''ओम पृथिव्यै नमः ओम अनंतम नमः ओम कूमयि नमः सृष्टतनया सर्वसिद्धया विश्वकर्माया नमो नमः'' का जाप करें.