Vishwakarma Puja 2024: भगवान विश्वकर्मा को निर्माण और सृजन का देवता कहा जाता है. साथ ही ये सृष्टि के पहले शिल्पकार, वास्तुकार और इंजीनियर भी कहे जाते हैं. धार्मिक कथाओं के अनुसार भगवान विश्वकर्मा (Lord Vishwakarma) ब्रह्मा जी के सातवें पुत्र हैं.
विश्वकर्मा जयंती (Vishwakarma Jayanti 2024) या विश्वकर्मा पूजा के लिए कल-कारखानों में भगवान विश्वकर्मा की पूजा का महत्व है. इस दिन लोग व्यापार में तरक्की व उन्नति के लिए अपने औजारों और मशीनों की भी पूजा करते हैं.
विश्वकर्मा पूजा कब है (Vishwakarma Puja 2024 Date)
हर साल विश्वकर्मा पूजा का पर्व 17 सितंबर को मनाया जाता है. वहीं पंचांग के मुताबिक सूर्य जिस दिन कन्या राशि (Kanya Rashi) में प्रवेश करते हैं, उस दिन विश्वकर्मा जयंती होती है. इस साल सूर्य देव 16 सितंबर शाम 07:50 पर कन्या राशि में गोचर (Surya Gochar 2024) करेंगे. ऐसे में उदायतिथि के अनुसार 17 सितंबर 2024 को ही विश्वकर्मा जयंती मनाई जाएगी.
विश्वकर्मा जयंती पूजा मुहूर्त (Vishwakarma Puja Time)
इस दिन पूजा के लिए सुबह 06:07 से दोपहर 01:53 तक का समय शुभ रहेगा. इस मुहूर्त में आप भगवान विश्वकर्मा की पूजा-अर्चना कर सकते हैं. शुभ मुहूर्त में किए पूजा से व्यापार में खूब तरक्की आएगी. लेकिन विश्वकर्मा पूजा के दिन गलती से भी ऐसा कोई काम न करें, जिससे कारोबार या व्यापार में हानि उठानी पड़े.
विश्वकर्मा पूजा के दिन क्या नहीं करें (Vishwakarma Puja ke din kya Nahi Karen)
- आप अपने कल-कारखानों में जिन औजारों का इस्तेमाल करते हैं, उसकी पूजा विश्वकर्मा जयंती पर जरूर करें और इस दिन उनका प्रयोग न करें.
- विश्वकर्मा पूजा के दिन अपने औजार, मशीन या जिन चीजों से आप काम करते हैं उन्हें किसी दूसरे व्यक्ति को इस्तेमाल के लिए न दें.
- भगवान विश्वकर्मा की पूजा के समय प्रतिमा के साथ अपने औजारों को रखना भूलें.
- इस बात का खास ध्यान रखें कि औजारों या मशीनों की पूजा से पहले उनकी अच्छी तरह से साफ-सफाई कर लें.
- यदि आपके पास वाहन है तो विश्वकर्मा के दिन अपने वाहन की पूजा करना न भूलें.
- विश्वकर्मा के पूजा के दिन ब्राह्मणों और गरीबों में दान-दक्षिणा करना न भूलें.
- विश्वकर्मा जयंती के दिन तामसिक भोजन या मांस-मदिरा के सेवन से दूर रहें.
- अगर आप शिल्पकार हैं तो विश्वकर्मा पूजा के दिन किसी नए यंत्र का निर्माण करने से बचें.
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