Chandra Grahan Weather Forecast मौसम: चंद्र ग्रहण के दिन कैसा रहेगा आसमान, जानें इस दिन का मौसम और तापमान
Lunar Eclipse 2020: आज 5 जुलाई को चंद्र ग्रहण लग रहा है. आज के दिन मौसम पर भी ग्रहण का असर दिखाई पड़ सकता है. आइए जानते हैं इस दिन कैसा रहेगा मौसम.
Lunar eclipse weather: चंद्रमा पर ग्रहण लगने में अब कुछ ही घंटे शेष हैं, ग्रहण का प्रभाव दिखने लगा है. ग्रहण से पूर्व मौसम बदलना आरंभ हो चुका है. ग्रहण से पूर्व बारिश हो चुकी है, तापमान में भी गिरावट देखी जा रही है. ज्योतिष शास्त्र में एक महत्वपूर्ण खगोलीय घटना माना जाता है. आज धनु राशि में चंद्र ग्रहण लग रहा है. आज के दिन लगने वाला चंद्र ग्रहण साल का तीसरा ग्रहण है. चंद्रमा पृथ्वी के सबसे पास है. इसलिए चंद्रमा का प्रभाव पृथ्वी पर सबसे अधिक रहता है. 9 ग्रहों में सूर्य और चंद्रमा ही ऐसे ग्रह हैं जिन्हे आखोंं से देखा जा सकता है. कैसा रहेगा आज का मौसम, जानते हैं.
चंद्र ग्रहण को ज्योतिष शास्त्र में एक महत्वपूर्ण खगोलीय घटना माना जाता है. आज 5 जुलाई को धनु राशि में चंद्र ग्रहण लग रहा है. इस दिन लगने वाला चंद्र ग्रहण साल का तीसरा ग्रहण है. चंद्रमा पृथ्वी के सबसे पास है. इसलिए चंद्रमा का प्रभाव पृथ्वी पर सबसे अधिक रहता है. 9 ग्रहों में सूर्य और चंद्रमा ही ऐसे ग्रह हैं जिन्हे आखोंं से देखा जा सकता है.
ज्योतिष शास्त्र में सूर्य को आत्म और चंद्रमा को मन का कारक माना गया है. ग्रहण के समय चंद्रमा पीड़ित माने गए हैं. पंचांग के अनुसार 5 जुलाई को पूर्णिमा की तिथि है. इसे आषाढ़ी पूर्णिमा भी कहते हैं. इसके बाद श्रावण का महीना यानि सावन शुरू हो जाते हैं. 6 जुलाई से सावन शुरू हो रहे हैं. इस दिन सावन का प्रथम सोमवार भी है. आज 5 जुलाई को गुरू पूर्णिमा का पर्व भी है. चूंकि इस दिन लगने वाले ग्रहण को उपछाया चंद्र ग्रहण माना जा रहा है. जिस कारण सूतक नहीं लगेगा. यानि पूजा पाठ और अन्य धार्मिक कार्य किए जा सकेंगे.
आज का मौसम आज गर्मी और उमस रहेगी, लेकिन बारिश के भी योग बन रहे हैं. यानि बारिश के चलते तापमान में गिरावट आ सकती है. आज अधिकतम तापमान 34 डिग्री सेल्सियस के आसपास रहने की उम्मीद है. न्यूनतम तापमान 27 डिग्री सेल्सियस तक रह सकता है.
सावन के पहले सोमवार को हो सकती है बारिश सावन का पहला सोमवार चंद्र ग्रहण के बाद यानि 6 जुलाई को है. इस दिन भी बारिश का योग बन रहा है. समुद्र मंथन से जब विष निकला, तो उस विष को भगवान शिव ने अपने कंठ में उतार लिया था. जिस कारण उनका कंठ नीला पड़ गया. विष की गर्मी को शांत करने के लिए देवराज इंद्र ने बारिश कराई थी. माना जाता है कि यह समय श्रावण मास का था. सावन के पहले सोमवार को वर्षा का होना शुभ माना गया है.
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