हिंदू धर्म में किसी भी कार्य की शुरुआत गणेश पूजा से की जाती है. वहीं, सप्ताह में बुधवार का दिन गणपति को समर्पित है. इस दिन विधि-विधान के साथ पूजा-अर्चना करने और व्रत आदि करने से गणेश जी प्रसन्न होते हैं और भक्तों के सभी विघ्न दूर करते हैं. अगर गणेश जी की सच्चे मन से पूजा की जाए तो वे प्रसन्न होकर भक्तों पर कृपा बरसाते हैं और उनकी सभी मुरादें पूरी करते हैं. बुधवार के दिन भगवान गणेश जी की पूजा के बाद गणेश स्तुति का पाठ अवश्य करें. इससे आपकी सभी इच्छाएं जल्द पूरी होंगी. 


गणपति स्तुति


मुदा करात्तमोदकं सदा विमुक्तिसाधकं कलाधरावतंसकं विलासिलोकरञ्जकम्।


अनायकैकनायकं विनाशितेभदैत्यकं नताशुभाशुनाशकं नमामि तं विनायकम् ।। १।।


नतेतरातिभीकरं नवोदितार्कभास्वरं नमत्सुरारिनिर्जकं नताधिकापदुद्धरम् ।


सुरेश्वरमं निधीश्वरं गजेश्वरं गणेश्वरं महेश्वरं तमाश्रये परात्परं निरन्तरम् ।। २।।


समस्तलोकशंकरं निरस्तदैत्यकुञ्जरं दरेतरोदरं वरं वरेभवक्त्रमक्षरम् ।


कृपाकरं क्षमाकरं मुदाकरं यशस्करं नमस्करं नमस्कृतां नमस्करोमि भास्वरम् ।। ३।।


अकिंचनार्तिमार्जनं चिरंतनोक्तिभाजनं पुरारिपूर्वनन्दनं सुरारिगर्वचर्वणम् ।


प्रपञ्चनाशभीषणं धनंजयादिभूषणं कपोलदानवारणं भजे पुराणवारणम् ।।४।।


नितान्तकान्तदन्तकान्तिमन्तकान्तकात्मजमचिन्त्यरुपमन्तहीनमन्तरायकृन्तनम्।


हृदन्तरे निरन्तरं वसन्तमेव योगिनां तमेकदन्तमेव तं विचिन्तयामि संततम् ।। ५।।


महागणेश पञ्चरत्नमादरेण योऽन्वहं प्रगायति प्रभातके हृदि स्मरन् गणेश्वरम् ।


अरोगतामदोषतां सुसाहितीं सुपुत्रतां समाहितायुरष्टभूतिमभ्युपैति सोऽचिरात् ।। ६।।


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