Ganesh Puja Vidhi: बुधवार (Wednesday Ganesh Puja) के दिन भगवान गणेश जी (Bhagwan Ganesh Ji) की विधि पूर्वक पूजा-उपासना करने से विघ्नहर्ता का आशीर्वाद और उनकी कृपा भी प्राप्त होती है. कहते हैं कि इस दिन व्रत आदि रखने से कुंडली में मौजूद बुध दोष (Budh Dosh In Kundali) के प्रभाव भी कम होते हैं. और बुध ग्रह (Budh Greh) मजबूत होता है. धर्म ग्रंथों के अनुसार, बुधवार का दिन प्रथम पूज्यनीय भगवान श्री गणेशजी और बुध ग्रह को समर्पित होता है. कहते हैं गणेश जी में आस्था रखने वाले लोग इस दिन बड़ी श्रद्धा से उनकी पूजा-अर्चना करते हैं. मान्यता है कि बुधवार के दिन गणेशजी की पूजा (Ganesh Puja) करने से जीवन के सभी संकट दूर होते हैं और खुशियों का आगमन होता है. वहीं, गणेश जी भक्तों से प्रसन्न होकर उनकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण करते हैं. 


व्रत और पूजन विधि (Ganesh Vrat And Pujan Vidhi)


कहते हैं कि अगर आप बुधवार का व्रत रखते हैं तो उनके नियमों का सही से पालन करना जरूरी है. व्रत की विधियों का ठीक ढंग से पालन करने पर ही व्रत का लाभ मिलता है. आइए जानते हैं व्रत की सही पूजन विधि. 


- अगर आप बुधवार के व्रत रखने के विषय में सोच-विचार कर रहे हैं तो व्रत महीने के शुक्ल पक्ष के पहले बुधवार से रखना उचित माना जाता है. कहते हैं कि बुधवार का व्रत अंधेरे में नहीं शुरू करना चाहिए. यानि कृष्ण पक्ष में शुरुआत न करें. 
- बुधवार के दिन गणेश व्रत में भी नमक खाने से परहेज करना चाहिए.
- कहते हैं कि बुधवार व्रत के लाभ से घर में धन की बचत होती है.
- अगर कमाया हुआ धन व्यर्थ जा रहा है तो बुधवार के व्रत करने से लाभ होगा.
- वहीं, अगर घर-परिवार में कलेश हो रहा है, तो उन्हें समाप्त करने के लिए बुधवार व्रत रखें. 
- इतना ही नहीं, जीवन में शुभ होने के लिए भी बुधवार का व्रत रखा जाता है. 
- कमजोर मस्तिष्क वालों को भी बुधवार के व्रत रखने की सलाह दी जाती है. 
- बुधवार व्रत से बुध ग्रह की शांति तथा धन, विद्या और व्यापार में वृद्धि होती है.
- कहते हैं कि बुधवार के दिन दूध नहीं जलाना चाहिए. इस दिन दूध से खीर, रबड़ी या छेना आदि नहीं बनाएं. 


भगवान श्री गणेश का भजन (Bhagwan Shri Ganesh Bhajan)


विनती सुनो गणराजा आज,
मेरी महफिल में आ जाना,
आज मेरी महफिल में आ जाना ना,
आज मेरी महफिल में आ जाना ना,
विनती सुनो गणराजा आज,
मेरी महफिल में आ जाना।।


रिद्धि सिद्धि के तुम हो दाता,
भक्तजनों के भाग्य विधाता,
शंकर के लाल गणराजा,
आज मेरी महफिल में आ जाना,
विनती सुनो गणराजा आज,
मेरी महफिल में आ जाना।।


माथे मुकुट गले मोतियन माला,
कानन कुंडल हाथ भाला,
मस्तक सिंदूरी गणराजा,
आज मेरी महफिल में आ जाना,
विनती सुनो गणराजा आज,
मेरी महफिल में आ जाना।।


देवता में इनसे बड़ा न कोई दूजा,
सर्वप्रथम होती है जो इनकी पूजा,
बुद्धि के दाता गणराजा,
आज मेरे महफिल में आ जाना,
 विनती सुनो गणराजा आज,
 मेरी महफिल में आ जाना ना।।


सुनो विनती गणराजा आज,
मेरी महफिल में आ जाना,
आज मेरी महफिल में आ जाना,
आज मेरी महफिल में आ जाना,
विनती सुनो गणराजा आज,
मेरी महफिल में आ जाना।।


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