Weekly Festival Calendar 2020:24 अगस्त से नए सप्ताह का आरंभ होने जा रहा है. इस दिन ब्रह्म योग बन रहा है. इस सप्ताह कई महत्वपूर्ण व्रत और पर्व पड़ रहे हैं. सप्ताह के दूसरे दिन यानि 25 अगस्त को तीन महत्वपूर्ण पर्व और व्रत पड़ रहे हैं. आइए जानते हैं इन व्रत और पर्व के बारें में-


25 अगस्त: ललिता सप्तमी
इस पर्व को मथुरा और बरसाना में पूरे आस्था के साथ मनाया जाता है. ललिता सप्तमी का पर्व ललिता को समर्पित है. जो राधा रानी की सबसे विश्वास पात्र सहेली थीं. श्रीकृष्ण की भी ललिता सबसे प्रिय गोपी थी. पंचांग के अनुसार यह पर्व भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की सप्तमी की तिथि को मनाया जाता है. इसके बाद राधाष्टमी का पर्व मनाया जाता है. ललिता सप्तमी गोपिका ललिता की जयंती के रूप में भी मनाया जाता है. दिन श्रीकृष्ण और राधा रानी के साथ ललिता देवी की पूजा का विधान है.


25 अगस्त: महालक्ष्मी व्रत आरम्भ
महालक्ष्मी का व्रत जीवन में धन, संपदा और सुख-समृद्धि प्रदान करने वाला माना गया है. हिंदू धर्म में लक्ष्मी माता को धन की देवी माना गया है. पंचांग के अनुसार महालक्ष्मी व्रत भाद्रपद के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि से शुरू होकर आश्विन माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि तक चलता है. यह व्रत 16 वें दिन समाप्त होता है.


25 अगस्त: दूर्वा अष्टमी
दूर्वा अष्टमी का पर्व पंचांग के अनुसार भाद्रपद मास की शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाया जाता है. इस दिन दूर्वा घास का पूजन किया जाता है. मान्यता है कि दूर्वा अष्टमी के दिन दूर्वा की पूजा करने से वंश का कभी क्षय नही होता है. दुर्वा की भांति कुल की वृद्धि होती है. इसके साथ ही सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं.


26 अगस्त: राधाष्टमी पर्व
राधाष्टमी का पर्व पंचांग के अनुसार 25 और 26 अगस्त को मनाया जाएगा. इस दिन व्रत भी रखा जाता है. राधाष्टमी का व्रत चंद्रोदय व्यापिनी अष्टमी में किया जाता है. पंचांग के अनुसार 25 अगस्त को दिन के 01 बजकर 58 मिनट पर सप्तमी तिथि समाप्त हो रही है, इसके बाद अष्टमी तिथि का आरम्भ हो रहा है. अष्टमी की तिथि 26 अगस्त को दिन के 10बजकर 28 मिनट तक ही रहेगी.


29 अगस्त: परिवर्तिनी एकादशी
परिवर्तिनी एकादशी का व्रत 29 अगस्त को रखा जाएगा. चातुर्मास मास में भगवान विष्णु पाताल लोक में विश्राम करने चले जाते हैं. इस दिन भगवान विष्णु करवट बदलते हैं इसी कारण इस एकादशी को परिवर्तिनी एकादशी कहा जाता है. इस एकादशी को वामन जयंती भी है.


30 अगस्त: प्रदोष व्रत
भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए शिव भक्त प्रदोष व्रत रखते हैं. प्रदोष का व्रत रखने से भगवान शिव का आर्शीवाद प्राप्त होता है.


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