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Weekly Festival (25 May To 31 May): इस हफ्ते जानें कब है महाराणा प्रताप जयंती, विनायक चतुर्थी, स्कन्द षष्ठी और दुर्गाष्टमी
Weekly Calendar 2020: 25 मई से नए सप्ताह की शुरूआत हो रही है. यह सप्ताह धार्मिक कार्यों के लिए बहुत ही विशेष है. इस सप्ताह विनायक चतुर्थी, मासिक दुर्गाष्टमी और महेश नवमी जैसे कई अन्य विशेष व्रत और पर्व पड़ रहे हैं.
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Weekly Festival Calendar 2020: हिंदू पंचांग के अुनसार नवीन सप्ताह की शुरूआत तृतीया तिथि से हो रही है. इस दिन मृगशिरा नक्षत्र है. सप्ताह के प्रथम दिन चंद्रमा मिथुन राशि में विराजमान हैं. ग्रहों और नक्षत्रों की स्थिति इस सप्ताह को शुभ बना रहे हैं. आइए जानते हैं कि इस सप्ताह कौन कौन से व्रत और पर्व पड़ रहे हैं.
25 मई, महाराणा प्रताप जयंती भारत के वीरों की जब भी बात आती है तो महाराणा प्रताप का नाम बड़े ही सम्मान के साथ लिया जाता है. सप्ताह का प्रथम दिन देश के शूरवीर की जयंती से आरंभ हो रहा है. महाराणा प्रताप का जन्म 9 मई, 1540 को कुंभलगढ़ दुर्ग (पाली) में हुआ था. हिन्दू तिथि के अनुसार 1540 में 9 मई को ज्येष्ठ शुक्ल की तृतीया तिथि थी. इसलिए इस वर्ष यह जयंती 25 मई को भी मनाई जाएगी.
26 मई, विनायक चतुर्थी सप्ताह का दूसर दिन बहुत ही शुभ है. यह दिन भगवान गणेश जी की आराधना का दिन है. इस दिन विनायक चतुर्थी है. हिन्दु कैलेण्डर में प्रत्येक चन्द्र मास में दो चतुर्थी होती हैं. चतुर्थी तिथि भगवान गणेश जी की तिथि मानी जाती है. इस दिन गणेश जी की पूजा करने से जीवन में सभी प्रकार की मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं. पूजा का समय: 10 बजकर 57 मिनट से 13 बजकर 40 मिनट तक
28 मई, स्कन्द षष्ठी सप्ताह का यह तीसरा महत्वपूर्ण दिवस है. इस दिन स्कंद षष्ठी का व्रत है. इस दिन को कन्द षष्ठी व्रतम भी कहा जाता है. यह व्रत दक्षिण में बहुत ही श्रद्धा भाव से मनाया जाता है. स्कंद देव की भगवान शिव और देवी पार्वती के पुत्र और भगवान गणेश के छोटे भाई के रूप में पूजा की जाती है. इन्हें मुरुगन, कार्तिकेय और सुब्रहमन्य के नाम से भी जाना जाता है. यह व्रत शुक्ल पक्ष की षष्ठी के दिन रखा जाता है.
30 मई, मासिक दुर्गाष्टमी मासिक दुर्गाष्टमी इस सप्ताह का चौथा सबसे विशेष दिन है. यह दिन माता दुर्गा को समर्पित है. इस दिन मां दुर्गा की उपासना की जाती है और व्रत रखा जाता है. पंचांग के अनुसार शुक्ल पक्ष की अष्टमी की तिथि को इस व्रत को रखा जाता है. इस दिन चंद्रमा सिंह राशि में और पूर्वाफाल्गुनी नक्षत्र है.
31 मई, महेश नवमी सप्ताह का यह आखिरी महत्वपूर्ण व्रत है. महेश नवमी का पर्व ज्येष्ठ माह में शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि मनाया जाता है. नवमी तिथि होने के कारण इसे महेश नवमी कहा जाता है. मान्यता है कि माहेश्वरी समाज की उत्पत्ति युधिष्ठिर संवत के ज्येष्ठ माह शुक्ल पक्ष नवमी को हुई थी. माहेश्वरी समाज द्वारा इस पर्व को हर वर्ष माहेश्वरी वंशोत्पत्ति दिन के रूप में मनाया जाता है. इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा की जाती है.
महेश नवमी 2020 पूजा मुहूर्त नवमी तिथि प्रारंभ: 30 मई 2020, शाम 07:55 बजे नवमी तिथि समाप्त: 31 मई 2020,शाम 05:35 तक
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