Weekly Vrat Tyohar 2023 (10-16 july): सोमवार 10 जुलाई 2023 से सावन महीने के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि से जुलाई के दूसरे हफ्ते की शुरुआत होगी. इसी दिन सावन की पहली सोमवारी भी पड़ेगी. इस दिन भगवान शिव की पूजा की जाएगी और व्रत रखा जाएगा.


इसके साथ ही जुलाई का दूसरा हफ्ता महत्वपूर्ण व्रत और पर्व-त्योहारों के लिहाज से बहुत ही खास रहने वाला है. इस हफ्ते सावन का दूसरा मंगला गौरी व्रत, कामिका एकादशी, सावन शिवरात्रि, सावन प्रदोष व्रत, कर्क संक्रांति आदि विशेष पर्व-त्योहार पड़ेंगे. इसलिए धार्मिक दृष्टिकोण से जुलाई का दूसरा हफ्ता बेहद खास रहेगा. आइए जानते हैं 10 से 16 जुलाई के बीच पड़ने वाले खास व्रत-त्योहारों के बारे में.



  • 10 जुलाई 2023 सोमवार, सावन की पहली सोमवारी और पंचक समाप्त (Sawan First Somvari and Panchak end): 10 जुलाई को सावन महीने की पहली सोमवारी पड़ रही है. इस दिन शिवभक्त व्रत रखेंगे और शिवजी की पूजा करेंगे. शिव उपासना के लिए सावन की पहली सोमवारी को बहुत शुभ माना जाता है. साथ ही 6 जुलाई से शुरू हुए पांच दिनों का पंचक भी 10 जुलाई की शाम को समाप्त हो जाएगा.

  • 11 जुलाई 2023 मंगलवार, मंगला गौरी व्रत (Mangla Gauri Vrat 2023): सावन महीने में पड़ने वाले प्रत्येक मंगलवार को मंगला गौरी व्रत रखा जाता है. इस दिन कुंवारी कन्याएं और सुहागिन महिलाएं व्रत रखकर मां गौरी की पूजा करती हैं.

  • 13 जुलाई 2023 गुरुवार, कामिका एकादशी (Kamika Ekadashi 2023): इस दिन सावन माह और चातुर्मास की पहली एकादशी का व्रत रखा जाएगा. इसे कामिका एकादशी कहते हैं. इस दिन भगवान विष्णु के साथ ही मां लक्ष्मी की भी पूजा की जाएगी.

  • 14 जुलाई 2023 शुक्रवार, सावन प्रदोष व्रत (Sawan Pradosh Vrat 2023): सावन का महीना शिवजी को समर्पित होता है. ऐसे में शिवजी की विशेष कृपा प्राप्त करने के लिए सावन प्रदोष व्रत को बहुत उत्तम माना गया है. सावन माह की त्रयोदशी को प्रदोष व्रत रखा जाएगा.

  • 15 जुलाई 2023 शनिवार, सावन शिवरात्रि (Sawan Shivratri 2023): पंचांग के अनुसार, हर माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि के दिन मासिक शिवरात्रि होती है, जोकि शिव पूजन के लिए विशेष मानी जाती है.15 जुलाई को सावन महीने की मासिक शिवरात्रि की पूजा निशिता मुहूर्त में रात्रि 12:07 से 12:48 तक की जाएगी.

  • 16 जुलाई 2023 रविवार, कर्क संक्रांति (Kark Sankranti 2023): मकर संक्रांति की तरह कर्क संक्रांति का भी विशेष महत्व होता है. इस दिन सूर्य दक्षिण की यात्रा प्रवेश करेंगे. इसलिए इसे दक्षिणायन भी कहा जाता है.


ये भी पढ़ें: Chanakya Niti: पत्नी का ये एक अवगुण शादीशुदा जीवन को कर देता तबाह, परिवार पर भी आती है आंच



Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. यहां यह बताना जरूरी है कि ABPLive.com किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें.