Weekly Vrat Tyohar 2023 (21-27 August): सोमवार 21 अगस्त 2023 से अगस्त के चौथे व आखिरी हफ्ते की शुरुआत हो रही है. इस दिन सावन महीने की शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि है. इस दिन चित्रा नक्षत्र रहेगा. अगस्त का आखिरी हफ्ता व्रत-त्योहारों की दृष्टि से महत्वपूर्ण रहने वाला है. इस हफ्ते हर दिन कोई न कोई व्रत-त्योहार रहेगा.


अगस्त के चौथे हफ्ते की शुरुआत ही नाग पंचमी और सावन के सातवें सोमवार व्रत से होगी. इसके साथ ही इस हफ्ते सावन पुत्रदा एकादशी, मंगला गौरी व्रत, दुर्गाष्टमी, कल्कि जयंती, तुलसीदास जयंती और वरलक्ष्मी व्रत भी पड़ेंगे. ऐसे में पूजा-पाठ और व्रत के लिए यह सप्ताह बहुत महत्वपूर्ण रहेगा. आइए जानते हैं 21-27 अगस्त 2023 के बीच पड़ने वाले व्रत-त्योहारों के बारे में.




  • 21 अगस्त 2023 सोमवार, सावन सातवां सोमवार और नागपंचमी (Sawan 7th somwar and Nag Panchami 2023): इस दिन सावन महीने का सातवां सोमवार होने के साथ ही नागपंचमी भी मनाई जाएगी. इस योग को बहुत ही शुभ माना जा रहा है. ऐसे में भक्तों को शिवजी के साथ ही नाग देवता का भी आशीर्वाद प्राप्त होगा.

  • 22 अगस्त 2023 मंगलवार, मंगला गौरी व्रत और कल्कि जयंती (Mangla Gauri Vrat and Kalki Jayanti): कल्कि जयंती के दिन भगवान विष्णु के कल्कि अवतार की पूजा की जाती है. यह भगवान विष्णु का आखिरी अवतार है, जिसका जन्म कलयुग के अंत में होगा. वहीं 22 अगस्त को ही सावन महीने का आठवां मंगला गौरी व्रत रखा जाएगा और मां पार्वती की पूजा की जाएगी.

  • 23 अगस्त 2023 बुधवार, तुलसीदास जयंती (Tulsidas Jayanti 2023): महाकाव्य रामचरितमानस और हनुमान चालीसा समेत कई धर्म ग्रंथों की रचना करने वाले तुलसीदास जी की जयंती 23 अगस्त को मनाई जाएगी. इस बार तुलसीदास जी की 526वीं जयंती मनाई जाएगी.

  • 24 अगस्त 2023 गुरुवार, दुर्गाष्टमी (Durgashtami 2023): सावन शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को मासिक दुर्गाष्टमी का व्रत रखा जाता है. इस दिन देवी दुर्गा की पूजा की जाती है. इसे देवी दुर्गा का मासिक व्रत भी कहते हैं.

  • 25 अगस्त 2023 शुक्रवार, वरलक्ष्मी व्रत (Varalakshmi Vrat 2023): सावन माह के आखिर शुक्रवार के दिन वरलक्ष्मी व्रत रखा जाएगा. इस व्रत को करने से सुख-सौभाग्य और समृद्धि में वृद्धि होती है.

  • 27 अगस्त 2023 रविवार, सावन पुत्रदा एकादशी (Sawan Putrada Ekadashi 2023): सावन महीने की शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को पुत्रदा एकादशी के नाम से जाना जाता है. इस दिन व्रत रखने और भगवान विष्णु की पूजा करने से संतान सुख की प्राप्ति होती है. साथ ही व्यक्ति भौतिक सुखों को भी प्राप्त करता है.


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