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Weekly Vrat Tyohar 22-28 May 2023: इस हफ्ते विनायक चतुर्थी, स्कंद षष्ठी और धूमावती जयंती जैसे पड़ेंगे कई व्रत-त्योहार, यहां देखें
Weekly Vrat Tyohar 2023:22-28 मई में कई व्रत-त्योहार पड़ेंगे. इस हफ्ते विनायक चतुर्थी, धूमावती जयंती और स्कंद षष्ठी जैसे पर्व होंगे. जानते हैं मई के आखिरी हफ्ते में पड़ने वाले व्रत-त्योहारों की लिस्ट.
Weekly Vrat Tyohar 2023 (22-28 May): 22 मई को ज्येष्ठ महीने के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि सुबह 10:09 तक रहेगी और फिर तृतिया तिथि की शुरुआत हो जाएगी. वहीं सूर्य वृषभ राशि में रहेंगे. 22 मई से ही मई महीने के आखिरी सप्ताह की शुरुआत भी होगी.
22 से 28 मई यानी मई के आखिरी सप्ताह में कई महत्वपूर्व व्रत-त्योहार पड़ेंगे. इस महीने स्कंद षष्ठी, विनायक चतुर्थी और धूमावती जयंती जैसे कई महत्वपूर्व व्रत-त्योहार होंगे. जानते हैं मई के आखिरी हफ्ते में पड़ने वाले व्रत-त्योहारों की सूची के बारे में.
- 22 मई सोमवार, महाराणा प्रताप जयंती 2023 (Maharana Pratap Jayanti): पंचांग के अनुसार ज्येष्ठ महीने के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को गुरु पुष्य नक्षत्र में ही महाराणा प्रताप का जन्म हुआ था. इस साल 22 मई को महाराणा प्रताप की जयंती मनाई जाएगी. महाराणा प्रताप ने अपने साम्राज्य की रक्षा के लिए मुगलों को लोहे के चने चबाने पर मजबूर कर दिया.
- 23 मई मंगलवार, विनायक चतुर्थी 2023 (Vinayaka Chaturthi 2023): मई के आखिरी हफ्ते की शुरुआत श्रीगणेश के व्रत के साथ होगी. हर माह कृष्ण पक्ष और शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को भगवान गणेश का व्रत रखा जाता है. शुक्ल पक्ष चतुर्थी को विनायक चतुर्थी के नाम से जाना जाता है. 23 मई को विनायक चतुर्थी का व्रत रखकर भगवान गणेश की पूजा-अराधना की जाएगी.
- 25 मई 2023 गुरुवार, स्कंद षष्ठी 2023 (Skand Shashthi 2023): पंचांग के अनुसार, ज्येष्ठ महीने के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को स्कंद षष्ठी का व्रत रखा जाता है और पूजा की जाती है. इस साल 25 मई को स्कंद षष्ठी रहेगी. मान्यता है कि इसी दिन शिव और पार्वती के ज्येष्ठ पुत्र भगवान कार्तिकेय का जन्म हुआ था. भगवान कार्तिकेय को स्कंद भी कहा जाता है.
- 28 मई शनिवार, धूमावती जयंती 2023 (Dhumavati Jayanti 2023): ज्येष्ठ महीने के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि के दिन को धूमावती जयंती के रूप में मनाया जाता है. इस साल 28 मई 2023 को धूमावती जयंती है. मान्यता है कि इसी दिन मां सती ने अपने पिता दक्ष के घर यज्ञ की अग्नि कुंड में शरीर को जलाया था. इसी अग्नि कुंड में जले मां सती के शरीर से निकलने वाले धुंए से मां धूमावती का जन्म हुआ था. मां धूमावती को 10 महाविद्याओं में एक माना जाता है.
Disclaimer : यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. यहां यह बताना जरूरी है कि ABPLive.com किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें.
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