Weekly Vrat Tyohar 2023: इस हफ्ते होगी सावन की शुरुआत, गुरु पूर्णिमा और मंगला गौरी व्रत जैसे खास पर्व-त्योहार, जानें
Weekly Vrat Tyohar 2023 (3-9 july):जुलाई के पहले हफ्ते ही कई व्रत-त्योहार पड़ेंगे. 3-9 जुलाई 2023 के बीच महत्वपूर्ण व्रत-त्योहार पड़ेंगे. इसी हफ्ते से पवित्र और शिवजी के प्रिय सावन माह की शुरुआत होगी.
Weekly Vrat Tyohar 2023 (3-9 July): 3 जुलाई को आषाढ़ माह की पूर्णिमा तिथि के दिन से पंचांग के अनुसार, जुलाई के पहले सप्ताह की शुरुआत हो जाएगी. महत्वपूर्ण व्रत और पर्व-त्योहारों के लिहाज से यह सप्ताह बहुत ही खास रहने वाला है.
जुलाई के पहले हफ्ते के पहले दिन ही आषाढ़ पूर्णिमा या गुरु पूर्णिमा का शुभ दिन रहेगा. साथ ही इसी हफ्ते से सावन माह की शुरुआत भी होगी. जोकि हिंदू धर्म का पवित्र और शिवजी का प्रिय महीना होता है. इसी के साथ इस हफ्ते मंगला गौरी व्रत, गजानन संकष्टी चतुर्थी और कालाष्टमी जैसे व्रत-त्योहार भी पड़ने वाले हैं, जिनका अपना विशेष महत्व होता है. ऐसे में धार्मिक दृष्टिकोण से यह सप्ताह बहुत ही खास रहने वाला है. आइए जानते हैं 3 से 9 जुलाई के बीच पड़ने वाले व्रत-त्योहारों के बारे में.
- 3 जुलाई 2023 सोमवार, आषाढ़ पूर्णिमा, गुरु पूर्णिमा (Ashadha Purnima, Guru Purnima 2023): इस दिन आषाढ़ पूर्णिमा का व्रत रखा जाएगा, जोकि पूजा-पाठ और स्नान-दान लिए खास होता है. साथ ही इस दिन गुरु पूजा का दिन भी होता है. इसलिए आषाढ़ पूर्णिमा को गुरु पूर्णिमा, व्यास पूर्णिमा या मन्वादि पूर्णिमा भी कहते हैं.
- 4 जुलाई 2023 मंगलवार, सावन माह आरंभ, मंगल गौरी व्रत (Sawan Month Start and Mangla Gauri Vrat): 4 जुलाई से सावन माह की शुरुआत हो जाएगी. इसी दिन सावन महीने का पहला मंगला गौरी व्रत भी रखा जाएगा. बता दें कि सावन माह में पड़ने वाले प्रत्येक मंगलवार के दिन मंगला गौरी का व्रत रखा जाता है और शिव-पार्वती की पूजा की जाती है. इस साल मंगला गौरी व्रत के साथ ही सावन माह की शुरुआत हो रही है.
- 5 जुलाई 2023 बुधवार, संकष्टी चतुर्थी (Sankashti Chaturthi 2023): सावन महीने की पहली संकष्टी चतुर्थी 5 जुलाई बुधवार के दिन है. इस दिन भगवान गणेश की पूजा होती है और रात्रि में चंद्रमा दर्शन और पूजन के बाद व्रत पूर्ण होता है.
- 9 जुलाई 2023 रविवार, कालाष्टमी 2023 (Kalashtami 2023): पंचांग के अनुसार, हर महीने के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को कालाष्टमी होती है. कालाष्टमी के दिन रात्रि प्रहर में भैरव देव की पूजा होती है. विशेषकर तंत्र-मंत्र साधना सीखने वाले लोग कालाष्टमी की रात्रि में अनुष्ठान कर और भैरव देव को प्रसन्न करते हैं.
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