Weekly Vrat Tyohar 2023 (31 july- 6 August): सोमवार 31 जुलाई 2023 को सावन महीने की शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि रहेगी. यह जुलाई माह का आखिरी दिन होगा और इसके बाद अगस्त महीने की शुरुआत हो जाएगी. अगस्त का पहला हफ्ता व्रत-त्योहारों की दृष्टि से बहुत ही महत्वपूर्ण रहने वाला है.


31 जुलाई को जहां सावन महीने के चौथे सोमवार का व्रत रखा जाएगा. वहीं इसके बाद मंगला गौरी व्रत, मलमास या अधिकमास पूर्णिमा, विभुवन संकष्टी चतुर्थी जैसे कई पर्व पड़ेंगे. इस तरह से 31 जुलाई से लेकर 06 अगस्त का समय व्रत और पर्व-त्योहारों की दृष्टि से खास रहने वाला है. आइए जानते हैं 31 जुलाई से 06 अगस्त के बीच पड़ने वाले महत्वपूर्ण व्रत-त्योहारों के बारे में.



31 जुलाई 2023 सोमवार, अधिकमास सावन सोमवार व्रत (Adhikmaas Sawan Somwar Vrat 2023): 31 जुलाई 2023 को अधिमास का दूसरा और सावन माह का चौथा सोमवार व्रत रखा जाएगा. सावन में पड़ने वाले सोमवार का विशेष महत्व होता है और इस दिन किए पूजा-व्रत और उपाय से महादेव की कृपा प्राप्त होती है. सावन का चौथा सोमवार भक्तों के लिए खास रहने वाला है, क्योंकि इस दिन कई शुभ योग भी बनेंगे, जिसमें पूजा और रुद्राभिषेक करना बहुत लाभकारी रहेगा.


01 अगस्त 2023 मंगलवार, मंगला गौरी व्रत और अधिकमास पूर्णिमा (Mangla Gauri Vrat 2023, Adhik Maas Purnima 2023): मंगलवार 01 अगस्त को भक्त मां मंगला गौरी का व्रत रखेंगे और मां पार्वती की पूजा करेंगे. इस व्रत को करने से कुंडली में मंगल दोष का प्रभाव दूर होता है और वैवाहिक जीवन सुखमय होता है. साथ ही इसी दिन अधिकमास या मलमास की पूर्णिमा तिथि भी रहेगी. इस दिन पवित्र नदियों में स्नान, पूजा-व्रत और दान का महत्व है.


02 अगस्त 2023 बुधवार, पंचक शुरू (Panchak 2023): इस दिन से पंचक की शुरुआत हो जाएगी. ज्योतिष में पंचक को अशुभ माना गया है और पंचक के 5 दिनों में कोई भी शुभ काम नहीं करने चाहिए. मान्यता है कि, पंचक के दौरान किए कार्य सफल नहीं होते और हानि की अधिक संभावना रहती है.


03 अगस्त 2023 गुरुवार, आदि पेरुक्कू (Aadi Perukku 2023): यह तमिल पर्व है, जिसे मॉनसून की शुरुआत का प्रतीक मानकर मनाया जाता है. इसे तमिल माह आदि के 18 वें दिन मनाने की परंपरा है. इस बार आदि पेरुक्कू 03 अगस्त को मनाया जाता है. इस दिन लोग मां पार्वती और राज्य की बारहमासी नदियों की पूजा करते हैं.


04 अगस्त 2023 शुक्रवार, विभुवन संकष्टी चतुर्थी (Vibhuvana Sankashti Chaturthi 2023):अधिकमास में पड़ने वाली विभुवन संकष्टी चतुर्थी बहुत खास मानी जाती है, क्योंकि यह तीन वर्ष बाद आती है. यह भगवान गणेश की पूजा के लिए समर्पित है और रात्रि में चंद्रमा को अर्घ्य देने का महत्व है.


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