इस साल देशभर में 11 मार्च को महाशिवरात्रि का महापर्व मनाया जाएगा. इसको लेकर लोगों ने अभी से तैयारियां भी शुरू कर दी है. लाखों श्रद्धालुओं ने इस मौके के लिए खास आयोजन करने का निर्णय लिया है. हिंदू पंचांग के अनुसार, इस दिन कई शुभ योग का निर्माण भी हो रहा है. बता दें कि फाल्गुन मास की कृष्ण पक्ष की त्रियोदशी तिथि को महाशिवरात्रि का पर्व मनाया जाता है. इस दिन चंद्र मकर राशि में रहेगा.
महाशिवरात्रि के दिन सुबह स्नान करने के बाद व्रत का संकल्प लेना शुभ माना जाता है. इस दिन भगवान शिव की पूजा की जाती है. शिवलिंग पर बेलपत्र, आक, धतूरा, फूल, चावल आदि से श्रृंगार करना शुभ माना जाता है. इस दिन शिवपुराण और महामृत्युंजय मंत्र करना शुभ माना जाता है. ऐसा करने से शिव जी प्रसन्न होते हैं. इसके साथ रात के समय भी भगवान की आरती और पूजा करनी चाहिए. महाशिवरात्रि के दिन गलत कार्यों को करने से बचना उचित माना जाता है. माना जाता है कि इस दिन दान-पुण्य करने से यश की प्राप्ति होती है.
महाशिवरात्रि व्रत का लाभ
महाशिवरात्रि के दिन व्रत रखकर भगवान शिव की पूजा करने से सभी प्रकार की मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं. ऐसी मान्यता है कि इस दिन व्रत और पूजा करने से मनचाहे वर की प्राप्ति होती है. वहीं जिन कन्याओं के विवाह में देरी हो रही है, या किसी प्रकार की बाधा आ रही है तो इस स्थिति में महाशिवरात्रि का व्रत विशेष फलदायी माना गया है. इस व्रत को करने से भगवान शिव का आर्शीवाद प्राप्त होता है और जीवन में सुख, शांति और समृद्धि बनी रहती है.
जानिए पूजा का शुभ मुहूर्त
निशिता काल पूजा समय: 00:06 से 00:55, मार्च 12
अवधि: 00 घण्टे 48 मिनट
12 मार्च 2021: शिवरात्रि पारण समय - 06:34 से 15:02
रात्रि प्रथम प्रहर पूजा समय: 18:27 से 21:29
रात्रि द्वितीय प्रहर पूजा समय: 21:29 से 00:31, मार्च 12
रात्रि तृतीय प्रहर पूजा समय: 00:31 से 03:32, मार्च 12
रात्रि चतुर्थ प्रहर पूजा समय: 03:32 से 06:34, मार्च 12
चतुर्दशी तिथि प्रारम्भ: 11 मार्च को 14:39 बजे
चतुर्दशी तिथि समाप्त: 12 मार्च को 15:02 बजे
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