रामायण में मंथरा का चरित्र बहुत महत्व रखता है. मंथरा का चरित्र रामायण की कथा को बदल देता है. मंथरा के कारण ही भगवा राम वनवास को गए थे. आखिर यह मंथरा कौन थीं और रानी कैकेयी के साथ क्यों रहती थीं?
अश्वपति सम्राट की पुत्री कैकेयी का विवाह जब राजा दशरथ से हुआ था तो दासी मंथरा मायके से उनके साथ आई थीं. बता दें कि कैकेयी को बहुत सुंदर, गुणी और वीरांगना स्त्री बताया गया है. वह दशरथ की सबसे प्रिय रानी थीं.
अब सवाल यह है कैकेयी मंथरा को अपने साथ क्यों लेकर आई थीं? एक कथा के अनुसार कैकेयी के पिता के भाई वृहदश्व की बेटी रेखा और कैकेयी बचपन में बहुत अच्छी दोस्त थीं. रेखा बहुत बुद्धिमान थीं. उसे बचपन में एक रोग हो गया था. बताते हैं कि इस रोग की वजह से उसका पूरा शरीर पसीने में भीग जाता था और वह प्यास से तड़प उठती थीं.
एक दिन रेखा को बहुत तेज प्यास लगी और उसने इलायची, मिश्री और चंदन से बना हुआ शरबत पी लिया लेकिन उस शरबत को पीने से उसके शरीर के सभी अंगों ने काम करना बंद कर दिया. रेखा के पिता ने उसका चिकित्सकों से उपचार कराया. रेखा ठीक हो गईं लेकिन उसकी रीढ़ की हड्डी में दोष आ गया. उसकी रीढ़ की हड्डी हमेशा के लिए टेढ़ी हो गई. रेखा ही मंथरा थीं और रीढ़ की हड्डी में दोष की वजह से उनका विवाह नहीं हो पाया था. वह कैकेयी के विवाह के समय उनकी अंगरक्षिका बनकर अयोध्या आ गईं.
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