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नवरात्रि में क्यों जलाई जाती है अखंड ज्योति, जानें क्या है इसके नियम
नवरात्रि के 9 दिनों में मां के नौ स्वरूप की पूजा की जाती है. मां के भक्त अपने घरों में पहले नवरात्रे पर अखंड ज्योति जलाते हैं. यह ज्योति पूरे 9 दिन तक जलती है.
नवरात्रि नौ दिन तक चलती है. इन 9 दिनों में मां के नौ स्वरूप की पूजा की जाती है. इस दौरान मां के अधिकतर भक्त उपवास रखते हैं. वहीं भक्त अपने घरों में पहले नवरात्रे पर अखंड ज्योति भी जलाते हैं. यह ज्योति पूरे 9 दिन तक जलती है. मान्यता है कि नवरात्र पर्व के दौरान अखंड ज्योति रखने से घर में सुख-समृद्धि का निवास होता है और शत्रुओं पर विजय प्राप्त होती है. घर में सुख शांति और पितृ शांति बनी रहती है. अखंड ज्योति प्रकाश, श्रद्धा और भक्ति का प्रतीक होती है.
अखंड ज्योति के नियम
- अखंड ज्योति को कभी भी जमीन पर न रखें उसे किसी चौकी या फिर पटरे पर लाल कपड़ा बिछाकर रखें. अगर आपके यह चीजें नहीं है तो जमीन पर अष्टदल बनाएं और उसके ऊपर अंखड ज्योति जलाए.
- अखंड ज्योति के लिए शुद्ध देसी घी का प्रयोग करे. सरसों के तेल और तिल के तेल का भी इस्तेमाल कर सकते हैं लेकिन यह दोनों शुद्ध होने चाहिए.
- अखंड ज्योति की विशेष बाती होती है और यह रक्षासूत्र से बनाई जाती है. सवा हाथ का रक्षासूत्र दीपक के बीचों बीच रख दें.
- अखंड ज्योति की बाती को बार-बार नहीं बदलना चाहिेए. अखंड ज्योति के पास फूल और चावल रखने चाहिए.
- अखंड ज्योति को मां भवानी के दाईं और रखें और अगर सरसों के तेल का दीपक है तो बाईं और रखें.
- अखंड ज्योति को स्वस्छ हाथों से ही छुएं और इसे कभी पीठ दिखाकर नहीं जाना चाहिए. नवरात्रि समाप्त होने पर ही इसे स्वंय ही समाप्त होने देना चाहिए.
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अवनीश पी. एन. शर्मा, ICCRसलाहकार सदस्य
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