राम मंदिर निर्माण के लिए अयोध्या में 5 अगस्त, बुधवार को भूमि पूजन होने जा रहा है. भूमि पूजन में प्रधानमंत्री नरेंद्र भी भाग लेंगे. लेकिन क्या आप जानते हैं कि भूमि पूजन क्यों किया जाता है. हिंदू धर्म में इसका क्या महत्व है. धार्मिक मान्यता है कि किसी भी इमारत के निर्माण से पहले उस स्थान का भूमि पूजन करना आवश्यक है. ऐसा करने से उस स्थान में आने वाली सारी बाधाएं दूर हो जाती हैं.
भूमि पूजन करने का कारण
हिन्दू धर्म में भूमि को माता का दर्जा दिया गया है. भूमि वंदनीय और पूजनीय है. मातृभूमि में किसी तरह का निर्माण कार्य करने से पहले पहले भूमि का पूजन होता है. जिस भूमि पर निमाण होना है यदि उस भूमि पर किसी भी प्रकार का कोई दोष है या उस भूमि के मालिक से कोई गलती हुई है तो ऐसे में भूमि पूजन से धरती मां हर प्रकार के दोष पर गलतियों को क्षमा कर देती है.
भूमि पूजन की विधि
जिन भूम का पूजन होना होता है वहां सफाई करें. भूमि पूजन में ब्राह्मण को उत्तर मुखी होकर पालथी मारकर बैठना चाहिए. वहीं जातक को पूर्व की ओर मुख कर बैठना चाहिये। जातक की यदि शादीशुदा है तो अपने बांयी तरफ अपनी पत्नी को बिठाना चाहिए.
मंत्रोच्चारण से शरीर, स्थान एवं आसन की शुद्धि की जाती है. इसके बाद भगवान गणेश की पूजा की जाती है. भूमि पूजन में चांदी के नाग व कलश की पूजा की जाती है.
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