नई दिल्लीः अक्सर आपने देखा होगा कि पूजा के दौरान सबके हाथ में मौली यानि कलावा बांधा जाता है. क्या आपने कभी सोचा है कि हाथ में कलावा बांधने का क्या कारण है. चलिए जानते हैं क्यों हाथ में बांधा जाता है कलावा और इसके क्या फायदे होते हैं.
- हिंदु धर्म में पूजा के दौरान कलावा बांधने का बहुत महत्व हैं. कुछ पूजाओं में तिलक भी लगाना शुभ माना जाता है. पूजा के दौरान लाल या पीले रंग की मौली बांधी जाती है. घर में कोई नई वस्तु आने पर उसकी पूजा करके भी कलावा बांधने का रिवाज है.
- पुराणों में कलावा बांधने के पीछे भी कुछ कथाएं हैं. पौराणि कथा के मुताबिक, लक्ष्मी माता ने राजा बलि को अपनी सुरक्षा करने के लिए कलावा बांधा था. इसी उपलक्ष्य में रक्षाबंधन भी मनाया जाता है. इस सूत्र को रक्षा सूत्र भी कहते हैं. ठीक इसी तरह कलावा भी एक रक्षा सूत्र है जो कि आने वाले संकटों से व्यक्ति की रक्षा करता है.
- ऐसा माना जाता है कि पूजा के दौरान जिन लोगों के हाथ में कलावा बांधा जाता है उनसे संकट के बादल हट जाते हैं. साथ ही तीनों लोकों के स्वामी ब्रह्मा, विष्णु और महेश की कृपा ऐसे लोगों पर हो जाती है.
- मौली को सकारात्मकता का प्रतीक भी माना जाता है. जो लोग हाथ में कलावा बांधने हैं नेगेटिव एनर्जी उनसे दूर ही रहती है.
- ज्योतिष शास्त्रों में कहते हैं कि लाल कलावा बांधने से मंगल ग्रह मजबूत होता है. वहीं पीला कलावा बांधने से गुरू ग्रह मजबूत होता है. काला धागा बांधने से शनि ग्रह शांत होता है. ये भी कहते हैं कि पांच रंगों का धागा बांधने से जीवन में सुख-संपत्ति आती है.
- कलावा बांधने को वात, पित्त और कफ से भी जोड़ा गया है. इन तीनों को नियंत्रित करने के लिए भी कलावा बांधा जाता है.
- ऐसी मान्यता है कि कलाई पर कलावा बांधने से ब्लड प्रेशर, डायबिटीज और लकवा जैसी चीजों से बचा जा सकता है.
- वैज्ञानिक तौर पर कहा जाता है कि हाथ में कलावा बांधने से ये शरीर की नसों को नियंत्रित करने के काम आता है क्योंकि कलाई से होकर शरीर की कई नसें जाती हैं.
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