Winter Solstice 2024: साल का सबसे छोटा दिन आज, सिर्फ इतने घंटे में ही डूब जाएगा सूरज
Winter Solstice 2024: पूरे साल में एक दिन ऐसा आता है, जिसे साल का सबसे छोटा दिन कहा जाता है. इसे विंटर सोल्स्टिस यानी शीतकाली संक्रांति कहा जाता है. इसके बाद से कड़ाके के ठंड की शुरुआत होने लगती है.
Winter Solstice 2024: भारत में मध्य नवंबर से फरवरी तक को शीत ऋतु कहा जाता है, क्योंकि इस समय सबसे अधिक ठंड पड़ती है. खासतौर पर उत्तरी क्षेत्रों में इस दौरान तापमान कम रहता है. शीत ऋतु के बाद शरद ऋतु की शुरुआत होती है, जिसमें हल्की-फुल्की ठंड रहती है.
आमतौर पर सर्दियों के मौसम में दिन छोटा और रात लंबी होती है. लेकिन साल के 365 दिनों में एक दिन ऐसा होता है, जिसे शीतकालीन या हाइबरनल संक्रांति के नाम से भी जाना जाता है. क्योंकि यह साल का सबसे छोटा दिन होता है.
शीतकालीन संक्रांति
कई लोगों को शीतकालीन संक्रांति के बारे में पता नहीं होता है. क्योंकि आमतौर पर लोगों का यही मानना होता है कि, ठंड में दिन छोटे और रात लंबी होती है. लेकिन शीतकालीम संक्रांति ऐसा दिन है जब सूर्य बहुत जल्दी डूब जाता है. लेकिन दुनिया के हर हिस्से में ऐसा नहीं होता. बल्कि पृथ्वी के उत्तरी गोलार्ध के देशों में ही ऐसा होता है. वहीं दक्षिण गोलार्ध वाले देशों में स्थिति बिल्कुल उल्टी होती है. वहां दिन बड़ा और रात छोटी होती है.
भूगोल की भाषा में इसे शीत अयनांत कहा जाता है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि आखिर किस कारण से इस दिन रात लंबी और दिन छोटा होता है. भूगोल के अनुसार, जब पृथ्वी का कोई ध्रुव सूर्य से दूर अपने अधिकतम झुकाव पर होता है, तब ऐसा होता है कि रात या दिन की अवधि में अंतर आ जाता है. शीतकालीन संक्रांति उत्तरी गोलार्ध में 21, 22 या 23 दिसंबर को हो सकती है.
शीतकालीन संक्रांति 2024 कब
इस साल शीतकालीन संक्रांति शनिवार 21 दिसंबर को होगी. यानी 21 दिसंबर 2024 को दिन छोटा और रात लंबी रहेगी. नासा के मुताबिक, 21 दिसंबर को सुबह 04 बजकर 20 मिनट पर पूर्वी समय पर संक्रांति होगी जोकि उत्तरी गोलार्ध (Northern Hemisphere) में सर्दियों की शुरुआत और दक्षिणी गोलार्ध में गर्मियों की शुरुआत का संकेत है.
हालांकि 21 दिसंबर 2024 के दिन आपको सूर्य की रोशनी कितने देर तक मिलेगी, यह इस बात पर निर्भर करता है कि आप कहां रहते हैं. हालांकि भूमध्य रेखा के उत्तर में इस दिन आपको सबसे कम धूप मिलेगी. लेकिन कितनी मिलेगी यह आपके स्थान पर निर्भर करता है.
21 दिसंबर को जल्दी डूब जाएगा सूर्य
21 दिसंबर को सूर्य की किरणें मकर रेखा के लंबवत होती है और कर्क रेखा को तिरछा स्पर्श करती है. यही कारण है इस दिन सूर्यास्त जल्दी हो जाता है और रात भी जल्दी शुरू हो जाती है और इस दिन सूर्य की रोशनी पृथ्वी पर कम देर पड़ती है.
शीतकालीन संक्रांति सूर्योदय का समय | 07:09 AM |
शीतकालीन संक्रांति सूर्यास्त का समय | 05:28 PM |
उत्सव है शीलकालीन संक्रांति
शीलकालीन संक्रांति को सर्दियों की शुरुआत का प्रतीक माना जाता है. उत्तरी गोलार्ध में सर्दियों के पहले दिन को शीतकाली संक्रांति के रूप में मनाते हैं. कई देशों में शीलकाली संक्रांति को अवकाश और उत्सव के रूप में मनाया जाता है, जिसे अलग-अलग देशों में लोग अलग-अलग तरीके से मनाते हैं. इस दिन लोग लकड़ियां जलाते हैं, नाचते-गाते हैं, भोजन करते हैं और प्रियजनों के साथ समय बिताते हैं.
ये भी पढ़ें: Merry Christmas 2024 Wishes: क्रिसमस के उत्साह और उमंग को बढ़ाएंगे ये मैसेज, इन संदेशों के साथ कहें मेरी क्रिसमस
Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. यहां यह बताना जरूरी है कि ABPLive.com किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें.