एक्सप्लोरर

भारत-ऑस्ट्रेलिया के बीच विश्व कप 2023 फाइनल का मुकाबला जारी, जानिए सनातन शास्त्रों में खेल का महत्व

खेल की संस्कृति प्राचीन काल से ही चली आ रही है. इसका उल्लेख शास्त्रों में भी मिलता है. धार्मिक ग्रंथों के जानकार अंशुल पांडे से जानते और समझते हैं खेल के इतिहास और शास्त्रीय महत्व के बारे में.

सनातन शास्त्रों में खेलों का महत्व

वर्ल्ड कप क्रिकेट के परिप्रेक्ष्य में आज चर्चा करते हैं. कुछ खेलों की जो हमारे हमरे पवित्र शास्त्रों में वर्णित हैं. आजकल क्रिकेट का बुखार चरम पर है. भारत की लगातार हो रही अजेय जीत ने लोगों के हौसले बुलंद कर दिए हैं. इसलिए अपेक्षाएं बढ़ती ही जा रही हैं. खेल में तो जीत हार का सिलसिला लगा रहता है. बस खेल की भावना सकारात्मक होनी चाहिए.

खेल हमारे संस्कृति के महत्वपूर्ण अंग रहे हैं. प्राचीन काल से चली आ रही इस परंपरा का उल्लेख हमारे शास्त्रों में भी मिलता है जिसका सतयुग से कलयुग तक प्रमाण मिलता है. भगवान कृष्ण भी बहुत सारे खेल खेलते थे, जैसे थर लगाके दूसरे के ऊपर चढ़ना (गर्ग संहिता गोलोक खंड अध्याय क्रमांक 17) जिसे दही हंडी के स्वरुप में आज मनाया जाता है.

तीरंदाजी, मलयुद्ध, चौसर शतरंज इनका भी उल्लेख हमारे पुराणों में भरा पड़ा है. कुरुक्षेत्र युद्ध के मूल में चौसर ही था न हारते और न युद्ध होता. प्रतिस्पर्धा के स्थान पर वैमनस्य ही सर्वोपरि था। बिल्कुल आज के भारत पाकिस्तान मैच की तरह. मैच का परिणाम जब तक नहीं आता तब तक सबकी धड़कने तेज रहती है. अगर हम विजयी हुए तब तो वह उत्सव बन जाता है.
इस बार भारत श्रीलंका मैच में जबरदस्त मीम देखने को मिली जो बरबस मुस्कुराने पर मजबूर हो गए जहां यह दिखाया गया है कि राम से परास्त होकर जब सैनिक वापस लौट आए तब रावण उनपर बुरी तरह बरस पड़ा (हास्यास्पद बात), राम ने त्रेतायुग में लंका को जीता और कलयुग में भारतीय टीम ने भी कई बार मैच जीता. 

उससे पहले द्वापर तमाम कृष्णलीला का आधार खेल ही है. कृष्ण द्वारा कालिय मर्दन करने से पहले भी अनेक क्रीडा खेलते हुए बताया (हरिवंश पुराण विष्णु पर्व 12.25) है. (लोकाचार मान्यताओं के अनुसार भगवान कृष्ण को गेंद खेलते हुए बताया है). ओंकारेश्वर मंदिर की कथा और अन्य ग्रंथों के अनुसार भगवान शिव और पार्वती भी चौसर खेला करते थे. महाभारत सभा पर्व अध्याय क्रमांक 60,अनुसार सारे राजकुमारों ने चौसर खेला था. जैसे-जैसे शासक बदले उसी परिपाटी में खेलों का तरीका भी बदला. प्रतिस्पर्धा की भावना प्रबल होती गई. महाभारत काल में तो यह वैमनस्य की ओर ले गई. हां बच्चों वाले खेल तो हर युग में ही रहे होंगे, शायद हरप्पा और मोहनजोदड़ो में भी, पर मेरे पास इसका प्रमाण नहीं.

बाकी राजपूतों में क्रीड़ाएं लोकप्रिय थीं. घुड़सवारी, तलवारबाजी, कुश्ती इत्यादि खेलने का उल्लेख मिलता है. मराठा काल में लेजिम खेली जाती थी फिटनेस के लिए. कुश्ती को भी उतना ही महत्व दिया गया था. अंग्रेज़ आए तो वे अपने यहां से हॉकी और क्रिकेट लेकर आए. आज प्राचीन के साथ साथ ये नई शैलियां हमारे समाज का अभिन्न अंग बन चुकी हैं. हॉकी की अपेक्षा आज क्रिकेट गली गली में खेला जा रहा है. इसकी इतनी लोकप्रियता का कारण है इस खेल से जुड़ा ग्लैमर.

फिल्मी दुनिया की तरह ही क्रिकेट के खिलाड़ी स्टार बन चुके हैं. आज यही क्रिकेट खेल हमने अंग्रेजो का दिया हुआ खेल उन्हीं पर अपना आधिपत्य स्थापित कर दिया. जहां धन और शोहरत दोनों ही साथ साथ चलते हैं वो है फिल्मी दुनिया और क्रिकेट. देखते-देखते क्रिकेट का स्वरूप भी बदल गया. तीन दशक पहले पांच दिवसीय टेस्ट क्रिकेट खेला जाता था वहीं आज फिफ्टी–फिफ्टी या ट्वेंटी–ट्वेंटी ओवरों में ही मैच खत्म हो जाता है. नियम, कपड़े सब कुछ बदल गया. काल अनुसार खेल परिवर्तित होते रहते हैं.

जो भी हो हम सब आज 19 नवंबर 2023 को भारत बनाम ऑस्ट्रेलिया क्रिकेट मैच का बेसब्री से इंतजार कर रहें हैं जब हम पुनः विश्व विजयी घोषित होंगे.

ये भी पढ़ें: दिवाली पर आतिशबाजी करना सही, पटाखों और आतिशबाजी का है हमारे प्राचीन ग्रंथो में वर्णन

[नोट- उपरोक्त दिए गए विचार लेखक के व्यक्तिगत विचार हैं. यह ज़रूरी नहीं है कि एबीपी न्यूज़ ग्रुप इससे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.]

Dharma LIVE

ABP Shorts

और देखें
Advertisement
Advertisement
25°C
New Delhi
Rain: 100mm
Humidity: 97%
Wind: WNW 47km/h
Advertisement

टॉप हेडलाइंस

सरदारों पर अब नहीं बनेंगे जोक? सुप्रीम कोर्ट ने बताया अहम मसला, सुझाव सौंपने को भी कहा
सरदारों पर अब नहीं बनेंगे जोक? सुप्रीम कोर्ट ने बताया अहम मसला, सुझाव सौंपने को भी कहा
Delhi Assembly Elections: BJP-कांग्रेस के लिए क्यों खास है केजरीवाल की पहली लिस्ट?
BJP-कांग्रेस के लिए क्यों खास है केजरीवाल की पहली लिस्ट?
Axis My India Exit Poll 2024: मराठवाड़ा से मुंबई तक, महाराष्ट्र के किस रीजन में कौन मार रहा बाजी? एग्जिट पोल में सबकुछ साफ
मराठवाड़ा से मुंबई तक, महाराष्ट्र के किस रीजन में कौन मार रहा बाजी? एग्जिट पोल में सबकुछ साफ
जब होटल में वरुण धवन ने किया था विराट कोहली को इग्नोर, जानिए ऐसा क्या कर बैठे थे अनुष्का शर्मा के पति
जब होटल में वरुण ने किया था विराट कोहली को इग्नोर, जानिए दिलचस्प किस्सा
Advertisement
ABP Premium

वीडियोज

America में अनमोल बिश्नोई की गिरफ्तारी, भारत लाने की तैयारी! | ABP NewsChitra Tripathi : ट्रंप की वजह से अदाणी टारगेट ? । Gautam Adani Case ।  Maharashtra Election'The Sabarmati report' पर सियासत तेज, फिल्मी है कहानी या सच की है जुबानी? | Bharat Ki BaatAdani Bribery Case: अदाणी पर अमेरिकी केस की इनसाइड स्टोरी! | ABP News

फोटो गैलरी

पर्सनल कार्नर

टॉप आर्टिकल्स
टॉप रील्स
सरदारों पर अब नहीं बनेंगे जोक? सुप्रीम कोर्ट ने बताया अहम मसला, सुझाव सौंपने को भी कहा
सरदारों पर अब नहीं बनेंगे जोक? सुप्रीम कोर्ट ने बताया अहम मसला, सुझाव सौंपने को भी कहा
Delhi Assembly Elections: BJP-कांग्रेस के लिए क्यों खास है केजरीवाल की पहली लिस्ट?
BJP-कांग्रेस के लिए क्यों खास है केजरीवाल की पहली लिस्ट?
Axis My India Exit Poll 2024: मराठवाड़ा से मुंबई तक, महाराष्ट्र के किस रीजन में कौन मार रहा बाजी? एग्जिट पोल में सबकुछ साफ
मराठवाड़ा से मुंबई तक, महाराष्ट्र के किस रीजन में कौन मार रहा बाजी? एग्जिट पोल में सबकुछ साफ
जब होटल में वरुण धवन ने किया था विराट कोहली को इग्नोर, जानिए ऐसा क्या कर बैठे थे अनुष्का शर्मा के पति
जब होटल में वरुण ने किया था विराट कोहली को इग्नोर, जानिए दिलचस्प किस्सा
Border Gavaskar Trophy: ट्रेनिंग में ही दो टी20 मैच खेल जाते हैं विराट कोहली, बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी से पहले बड़ा खुलासा
ट्रेनिंग में ही दो टी20 मैच खेल जाते हैं विराट कोहली, बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी से पहले बड़ा खुलासा
बुजुर्गों को अक्सर निमोनिया क्यों होता है? जानें इस गंभीर इंफेक्शन  के लक्षण और बचाव का तरीका
बुजुर्गों को अक्सर निमोनिया क्यों होता है? जानें इस गंभीर इंफेक्शन के लक्षण और बचाव का तरीका
‘इंडिया की बाइक्स चला रहे और पाकिस्तानियों पर लगा दिया बैन‘, यूएई के शेख पर भड़की PAK की जनता
‘इंडिया की बाइक्स चला रहे और पाकिस्तानियों पर लगा दिया बैन‘, यूएई के शेख पर भड़की PAK की जनता
10 मिनट स्पॉट जॉगिंग या 45 मिनट वॉक कौन सी है बेहतर, जानें इसके फायदे
10 मिनट स्पॉट जॉगिंग या 45 मिनट वॉक कौन सी है बेहतर, जानें इसके फायदे
Embed widget