एक्सप्लोरर

कृष्ण में भी जानते थे सम्मोहन विद्या? ये कैसी होती है और कितना पुराना है इसका इतिहास

सम्मोहन विद्या का इतिहास अति प्राचीन है. हालांकि वैज्ञानिक दृष्टि से इसका आविष्कार 18 वीं सदी से माना जाता है. कहा जाता है कि भगवान श्रीकृष्ण भी सम्मोहन विद्या जानते थे.

हर साल 4 जनवरी को विश्व सम्मोहन दिवस मनाया जाता है. सम्मोहन यानी ‘हिप्नोटिज्म’ इसके बारे में हम सभी ने सुना है. सम्मोहन एक ऐसी प्रक्रिया को कहते हैं जिसमें व्यक्ति अपने मन और शरीर पर से नियंत्रण खोकर सम्मोहित करने वाले व्यक्ति के नियंत्रण में हो जाता है. इसमें मनुष्य अर्धचेतनावस्था में होता है, जो समाधि या स्वप्नावस्था की तरह ही होती है.

लेकिन सम्मोहन क्रिया या सम्मोहन विद्या इतनी आसान नहीं है. इस क्रिया के लिए पौराणिक समय में कठोर तप किए जाते थे. खासकर साधु-संत वर्षों तपस्या कर इस विद्या को सीखते थे. आइये जानते हैं क्या है सम्मोहन और कितना पुराना है इसका इतिहास.

क्या है सम्मोहन (What is Hypnotism)

आमतौर पर लोग सम्मोहन को वशीकरण की तरह देखते हैं. वशीकरण यानी किसी को अपने वश में करना. लेकिन ऐसा बिल्कुल नहीं है. सम्मोहन विद्या की तुलना वशीकरण से करना सम्मोहन की प्रतिष्ठा गिराने जैसा है. सम्मोहन एक ऐसी अवस्था है, जिसमें व्यक्ति की कुछ इंद्रिया सम्मोहन करने वाले के वश में होती है. कभी-कभी तो हम अपने मन के वश में ही हो जाते हैं. क्योंकि हम सभी के भीतर एक सम्मोहन है, जिसे समझ पाना कठिन है. लेकिन एक सत्य यह भी है कि, सम्मोहन क्रिया के दौरान केवल वही सम्मोहित हो पाता है, जो होना चाहता है.

हर व्यक्ति के भीतर अवचेतन मन में सम्मोहन क्षमता होती है. आपने अनुभव किया होगा कि, कभी आपने अपने अंतर मन की आवाज सुनी होगी और उसी के अनुसार फैसला लिया होगा, जोकि सही साबित हुआ होगा. हम सभी अपने जीवन में ऐसा करते हैं, खासकर तब जब हम कठिन परिस्थिति में होते हैं तो निर्णय लेने के लिए अपने अंतर मन से ही प्रश्न और उत्तर करते हैं. इसे चेतन और अवचेतन मन का संधि काल कहा जाता है. संधि काल यानी जिस अवस्था में आप अपने अवचेतन मन की आवाज सुन लेते हैं, बस वही सम्मोहन विद्या या सम्मोहन कला है.

यह ऐसी अवस्था होती है, जब मन पर आपका नहीं बल्कि मन का आप पर वश चलता है. ठीक इसी तरह जैसे गुस्सा आने पर आप कुछ भी कर जाते हैं और बाद में गुस्सा शांत होने पर आपको पछतावा या गलती का अहसास होता है. यह भी इसलिए होता है, क्योंकि उस समय आपका पूरा ध्यान गुस्से पर होता है. यानी आप अपने गुस्से के सम्मोहन में होते हैं और जब आप गुस्से के सम्मोहन से निकल जाते हैं तो अपनी गलती का अहसास आपको होता है. सम्मोहन का यह सिद्धांत हमारे जीवन में कई बार काम करता है.

कितना पुराना है सम्मोहन का इतिहास (Hypnotism History)

धार्मिक दृष्टिकोण या भारत की बात करें तो सम्मोहन बहुत पुरानी विद्या है. पौराणिक काल से ही इस क्रिया का उपयोग साधु-संत किसी को वश में करने और सिद्धियां या मोक्ष प्राप्ति के लिए करते थे. कहा जाता है कि, भगवान कृष्ण भी सम्मोहन विद्या जानते थे. लेकिन सम्मोहन का प्रचलन 18वीं सदी से माना जाता है. वहीं वैज्ञानिक दृष्टि के अनुसार 19 वीं सदी में सम्मोहन या हिप्नोटिज्म का आविष्कार स्कॉटिश सर्जन जेम्स ब्रैड के द्वारा किया गया था. वर्तमान समय में यह काफी विख्यात हो गया है और इसका प्रचलन भी बढ़ गया है.

क्यों मनाया जाता है सम्मोहन दिवस (Hypnotism Significance)

सबसे अहम सवाल यह है कि, सम्मोहन दिवस आखिर क्यों मनाया जाता है और इसे मनाए जाने की आवश्यकता क्यों पड़ी. सम्मोहन के बारे में तो कई लोग जानते हैं. लेकिन फिर भी इसमें कुछ ऐसा है, जिसके बारे में बहुत से लोग नहीं जानते. यही कारण कि सम्मोहन दिवस को हर साल 4 जनवरी को मनाया जाता है. क्योंकि अधिक से अधिक लोगों को सम्मोहन के सही अर्थ और इसके लाभों के बारे में पता चले और वे इसका उपयोग कर अपने जीवन को बेहतर बना सके.

एस्ट्रोलॉजर निखिल कुमार बताते हैं कि सम्मोहन एक ऐसा अवसर है, जो जीवन बदलने की तरह होता है. 2004 में, बोर्ड प्रमाणित हिप्नोटिस्ट टॉम निकोली और हिप्नोटिज्म दिवस समिति द्वारा सम्मोहन के वास्तिवक लाभ को बढ़ावा देने, लोगों को इसकी सच्चाई के बारे में शिक्षित करने, सम्मोहन के सकारात्मक पहलुओं पर ध्यान केंद्रित करने और सम्मोहन को जादुई चाल जैसे विचार या मिथक को बदलने के लिए मनाने की शुरुआत हुई थी.

श्रीकृष्ण भी जानते थे सम्मोहन 

सम्मोहन विद्या का इतिहास प्राचीन काल से जुड़ा है. एस्ट्रोलॉजर रुचि शर्मा बताती हैं, श्रीकृष्ण में जन्म से ही सम्मोहन विद्या थी. श्रीकृष्ण के जीवन से जुड़ी ऐसी कई घटनाएं हैं, जिसमें उनकी सम्मोहन विद्या की झलक दिखाई पड़ती है. श्रीकृष्ण के कई नामों में एक नाम मोहन भी है, अर्थात् मोहने वाला. श्रीकृष्ण का रूप कुछ ऐसा था कि जो उन्हें देख ले या वो जिन्हें देख ले, वह उनकी माया में सम्मोहित हो जाता था. अपने संपूर्ण जीवन में श्रीकृष्ण ने सम्मोहन की विभिन्न लीलाएं कीं.

श्रीकृष्ण के सुंदर मुस्कान और रूप को देख गोकुल की गोपियां मोहवश में सबकुछ भूल जाती थीं और उनका साथ पाने के लिए लालायित रहती थीं. बालक अवस्था में जब श्रीकृष्ण ने माता यशोदा को मुख में संपूर्ण ब्रह्मांड दर्शन कराया था, तब भी माता यशोदा को कृष्ण ने सबकुछ भुला दिया था. वहीं वाणी सम्मोहन तो श्रीकृष्ण की 16 कलाओं में एक है. श्रीकृष्ण जिसे जो दिखाना, सुनाना या समझाना चाहते हैं, वह उनके सम्मोहन वश में वैसा ही करता है.... ये सब श्रीकृष्ण की सम्मोहन विद्या नहीं तो भला और क्या है.

ये भी पढ़ें: Ayodhya Ram Mandir: अयोध्या राम मंदिर की प्राण-प्रतिष्ठा में होंगे 2 मंडप और 9 हवन कुंड का निर्माण, प्रत्येक हवन कुंड से जुड़ा है खास उद्देश्य

Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. यहां यह बताना जरूरी है कि ABPLive.com किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें.

Dharma LIVE

ABP Shorts

और देखें
Advertisement
IOI
Don't Miss Out
41
Hours
41
Minutes
51
Seconds
Advertisement
Wed Feb 19, 3:48 pm
नई दिल्ली
19.8°
बारिश: 0 mm    ह्यूमिडिटी: 63%   हवा: N 0 km/h
Advertisement

टॉप हेडलाइंस

Rekha Gupta: मौजूदा समय में बीजेपी की इकलौती और पूरे देश में दूसरी महिला सीएम बनेंगी रेखा गुप्‍ता
मौजूदा समय में बीजेपी की इकलौती और पूरे देश में दूसरी महिला सीएम बनेंगी रेखा गुप्‍ता
World's Cheapest City: भारत के नौ और पाकिस्तान के सिर्फ तीन शहर दुनिया में सबसे सस्ते... महंगी सिटीज में टॉप पर कौन? रिपोर्ट चौंका देगी
World's Cheapest City: भारत के नौ और पाकिस्तान के सिर्फ तीन शहर दुनिया में सबसे सस्ते... महंगी सिटीज में टॉप पर कौन? रिपोर्ट चौंका देगी
बीजेपी ने किया दिल्ली में रेखा गुप्ता को सीएम बनाने का फैसला, एक महिला को कमान सौंपने के पीछे हैं ये तीन कारण
बीजेपी ने किया दिल्ली में रेखा गुप्ता को सीएम बनाने का फैसला, एक महिला को कमान सौंपने के पीछे हैं ये तीन कारण
भारत के खिलाफ बांग्लादेश का तगड़ा है रिकॉर्ड, चैंपियंस ट्रॉफी मैच से पहले सामने आए टेंशन देने वाले आंकड़े
भारत के खिलाफ बांग्लादेश का तगड़ा है रिकॉर्ड, चैंपियंस ट्रॉफी मैच से पहले सामने आए टेंशन देने वाले आंकड़े
Advertisement
ABP Premium

वीडियोज

Delhi New CM Announcement News : Parvesh Verma के समर्थकों का BJP दफ्तर में बड़ा ऐलान | ABP NEWSDelhi New CM Announcement News : बातों - बातों में वरिष्ठ कार्यकर्ता ने दे दिया सीएम फेस पर संकेत | ABP NEWSDelhi New CM Announcement News : BJP के CM का ऐलान करने पहुंचे Virendra Sachdeva | ABP NEWSDelhi New CM Announcement News : Vijender Gupta और Rekha Gupta के बीच कांटे की टक्कर | ABP NEWS

फोटो गैलरी

पर्सनल कार्नर

टॉप आर्टिकल्स
टॉप रील्स
Rekha Gupta: मौजूदा समय में बीजेपी की इकलौती और पूरे देश में दूसरी महिला सीएम बनेंगी रेखा गुप्‍ता
मौजूदा समय में बीजेपी की इकलौती और पूरे देश में दूसरी महिला सीएम बनेंगी रेखा गुप्‍ता
World's Cheapest City: भारत के नौ और पाकिस्तान के सिर्फ तीन शहर दुनिया में सबसे सस्ते... महंगी सिटीज में टॉप पर कौन? रिपोर्ट चौंका देगी
World's Cheapest City: भारत के नौ और पाकिस्तान के सिर्फ तीन शहर दुनिया में सबसे सस्ते... महंगी सिटीज में टॉप पर कौन? रिपोर्ट चौंका देगी
बीजेपी ने किया दिल्ली में रेखा गुप्ता को सीएम बनाने का फैसला, एक महिला को कमान सौंपने के पीछे हैं ये तीन कारण
बीजेपी ने किया दिल्ली में रेखा गुप्ता को सीएम बनाने का फैसला, एक महिला को कमान सौंपने के पीछे हैं ये तीन कारण
भारत के खिलाफ बांग्लादेश का तगड़ा है रिकॉर्ड, चैंपियंस ट्रॉफी मैच से पहले सामने आए टेंशन देने वाले आंकड़े
भारत के खिलाफ बांग्लादेश का तगड़ा है रिकॉर्ड, चैंपियंस ट्रॉफी मैच से पहले सामने आए टेंशन देने वाले आंकड़े
एसिडिटी होने पर नहीं लेनी चाहिए ये चीजें, जानें कौन से घरेलू उपाय आएंगे आपके काम
एसिडिटी होने पर नहीं लेनी चाहिए ये चीजें, जानें कौन से घरेलू उपाय आएंगे आपके काम
Barsana Holi 2025: मथुरा में बरसाना के श्री राधा रानी मंदिर में कब होगा रंगोत्सव, जानें इसकी विशेषता
मथुरा में बरसाना के श्री राधा रानी मंदिर में कब होगा रंगोत्सव, जानें इसकी विशेषता
उम्र 55 की दिल बचपन का, बुढ़ापे में भी ये सेलेब्स लड़ा रहे हैं इश्क
उम्र 55 की दिल बचपन का, बुढ़ापे में भी ये सेलेब्स लड़ा रहे हैं इश्क
राहुल गांधी महाकुंभ में स्नान करने जाएंगे या नहीं? अमेठी सांसद केएल शर्मा ने दिया ये जवाब
राहुल गांधी महाकुंभ में स्नान करने जाएंगे या नहीं? अमेठी सांसद केएल शर्मा ने दिया ये जवाब
Embed widget

We use cookies to improve your experience, analyze traffic, and personalize content. By clicking "Allow All Cookies", you agree to our use of cookies.