World Tourism Day 2023: सैर-सपाटा या धूमना-फिरना व्यक्ति के जीवन का अहम हिस्सा होता है. घूमने फिरने से हम चीजों को करीब से देखना के अनुभव को महसूस करते हैं और स्थानीय संस्कृति, धर्म, परंपरा और कलाओं से वाकिफ होते हैं. इसलिए हर व्यक्ति को घूमना-फिरना चाहिए.
क्यों और कब मनाया जाता है पर्यटन दिवस
घूमने फिरने का प्रभाव देश की अर्थव्यवस्था पर भी पड़ता है. क्योंकि इससे लोगों को रोजगार मिलता है. इन्हीं सकारात्मक पहलुओं को ध्यान में रखते हुए अतंर्राष्ट्रीय स्तर पर टूरिज्म को बढ़ावा दिया गया और कई देशों को आपस में जोड़ा गया, जिससे कि विश्वभर के पर्यटक अपने देश के साथ ही अन्य देशों की परंपरा, इतिहास और संस्कृति से वाकिफ हो सके.
इसलिए हर साल विश्वभर में 27 सितंबर के दिन को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर विश्व पर्यटन दिवस मनाया जाता है. हालांकि भारत का राष्ट्रीय पर्यटन दिवस 25 जनवरी को मनाया जाता है. आज विश्व पर्यटन दिवस पर जानते हैं भारत के ऐसे प्रसिद्ध धार्मिक मंदिरों के बारे में दो दुनियाभर के पर्यटकों के लिए आस्था का केंद्र है.
भारत की परंपरा, आस्था, धर्म और संस्कृति की अलग ही पहचान है. यहां ऐतिहासिक और धार्मिक स्थलों की भरमार है. वहीं बहुत से मंदिर या धार्मिक स्थल तो ऐसे हैं, जिसके दर्शन के लिए श्रदधालु सैंकड़ों-हजारों मील की दूरी का सफर तय कर आते हैं. आइये जानते हैं भारत के ऐसे में प्रमुख धार्मिक स्थलों के बारे में.
सिद्धिविनायक मंदिर, मुंबई (Siddhivinayak Temple, Mumbai)-
सपनों की नगरी कहे जाने वाले मुंबई में जो भी जाता है वह बिना स्थित सिद्धिविनायक मंदिर में भगवान गणेश के दर्शन के बिना नहीं लौटता. इस मंदिर को भारत में सबसे अधिक दान पाने वाले मंदिर के रूप में भी जाना जाता है. इस मंदिर में केवल हिंदू ही नहीं बल्कि हर धर्म के लोग दर्शन-पूजन के लिए आते हैं और सिद्धिविनायक की महिमा से अपरंपार हो जाते हैं.मान्यता है कि, यहां जो भी मुराद मांगी जाती है वह बहुत जल्दी पूरी होते हैं.
वेंकटेश्वर मंदिर, तिरुपति (Venkateswara Temple,Tirupati)
भारत के सबसे प्रसिद्ध तीर्थस्थलों में आंध्रप्रदेश का तिरुपति भी एक है. यह मंदिर भगवान विष्णु को समर्पित है. इस मंदिर में आए पर्यटक मंदिर की दक्षिण भारतीय वास्तुकला और शिल्पकला को देख दीवाने हो जाते हैं. मान्यता है कि, यहां आने के बाद व्यक्ति को जन्म-मृत्यु के बंधन से मुक्ति मिल जाती है.
श्री जगन्नाथ मंदिर, पुरी (Jagannath Temple Puri)-
ओडिशा के तटवर्ती शहर पुरी में स्थित श्री जगन्नाथ मंदिर एक हिंदू मंदिर है. इसे हिंओं के चार धाम में से एक माना जाता है. यहां हर साल जून में होने वाली रथ यात्रा उत्सव विश्व प्रसिद्ध है, जिसमें भारत समेत विदेशों से भी श्रद्धालु पहुंचते हैं.
काशी विश्वनाथ, वाराणसी (Kashi Vishwanath, Varanasi)-
वाराणसी या बनारस को दुनिया का सबसे प्राचीन शहर कहा जाता है. गंगा किनारे बसे इस शहर की खूबसूरती, लोगों का रहन-सहन, बुद्ध से लेकर कबीर-तुलसी, घाट, मंदिर, गलियां, खान-पान पर्यटकों को आकर्षित करती है. इसलिए हर दिन यहां हजारों पर्यटक पहुंचते हैं. बनारस में काशी विश्वनाथ मंदिर भी है, जो भगवान शिव को समर्पित है. इसे 12 ज्योतिर्लिंगों में एक माना जाता है.
नीलकंठ महादेव मंदिर, ऋषिकेश (Neelkanth Mahadev Temple, Rishikesh)-
गढ़वाल, उत्तरांचल में हिमालय पर्वतों के तल में बसा ऋषिकेश में नीलकंठ महादेव का मंदिर प्रमुख पर्यटन स्थलों में है. यह शहर दुनियाभर में योग राजधानी के तौर पर जाना जाता है. विदेश योग साधना के लिए भी लोग ऋषिकेश को खूब पसंद करते हैं. साथ ही गंगा की खूबसूरती भी लोगों को खूब लुभाती है. ऐसे में जो लोग योग और आध्यात्म में रूचि रखते हैं वो यहां जरूर पहुंचते हैं.
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