क्या हैं दुनिया की 4 बेशकीमती चीजें, जानें क्या कहती है चाणक्य नीति
आचार्य चाणक्य की बताई वो चार चीजें कौनसी हैं जिसे कर कोई भी आम इंसान जीवन के तमाम सुख भोग सकता है, इसके बारे में आप यहां जानकारी ले सकते हैं.
नई दिल्लीः चाणक्य नीति, जब भी बुद्धि- विवेक की कोई बात हो तो ये एक ऐसा शब्द है जो हम अक्सर सुनते आए हैं. आचार्य चाणक्य को उनकी नीतियों के लिए ही जाना जाता है. आचार्य चाणक्य के मुताबिक दुनिया में करने योग्य महज चार चीजें ही है. इन चार के अलावा दुनिया की हर चीज बेकार है. आइए जानते हैं आचार्य चाणक्य की बताई वो चार चीजें कौनसी हैं जिसे कर कोई भी आम इंसान जीवन के तमाम सुख भोग सकता है.
दान इस दुनिया में दान से बड़ी कोई चीज नहीं है. आचार्य चाणक्य के मुताबिक भोजन और पानी का दान ही इस धरती पर महादान है. इस दान के अलावा दुनिया में इतनी बेशकीमती चीज कोई नहीं है. जो इंसान किसी भूखे इंसान को भोजन और पानी देता है उससे बड़ा पुण्य आत्मा कोई नहीं.
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एकादशी व्रत आचार्य चाणक्य ने हिन्दू पंचाग की एकादशी तिथि को सबसे पवित्र तिथि मानी है. एकादशी तिथि पर पूजा- व्रत और उपवास रखने पर भागवान विष्णु की असीम कृपा होती है. एकादशी तिथि भगवान विष्णु को बहुत प्रिय है.
गायत्री मंत्र आचार्य चाणक्य ने दुनिया में सबसे ताकतवर मंत्र गायत्री मंत्र को बताया है. मां गायत्री को वेदमाता कहा गया है. इन्हीं से चारों वेदों की उत्पत्ति हुई है.
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मां से बड़ा कोई नहीं आचार्य चाणक्य ने इस धरती पर मां से बड़ा कोई और दूसरा नहीं बताया है. मां से बड़ा कोई देवता नहीं, न कोई तीर्थ और न ही कोई गुरु. आचार्य चाणक्य ने कहा है कि जो इंसान मां की सेवा करते हैं उन्हें इस दुनिया में किसी तीर्थ की कोई जरुरत नहीं होती. आचार्य चाणक्य ने अपनी इन चार नीतियों पर एक श्लोक भी लिखा है.
चाणक्य नीति श्लोक
नात्रोदक समं दानं न तिथि द्वादशी समा। न गायत्र्या: परो मंत्रो न मातुदेवतं परम्।।
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