Chandra Grahan 2020: 5 जुलाई को लगने वाला चंद्र ग्रहण उपछाया चंद्रग्रहण (Penumbra Lunar Eclipse) होगा. जो कि कुछ ही घंटे बाद लगेगा. दरअसल, उपछाया चंद्रग्रहण स्थिति तब बनती है जब पृथ्वी, सूर्य और चंद्रमा के बीच तो आती है लेकिन तीनों एक ही सीधी रेखा में नहीं होते हैं. यह ग्रहण सुबह 8:37 बजे शुरू होगा और सुबह 9:59 बजे अधिकतम ग्रहण ग्रास को प्राप्त करेगा. सुबह 11:37 बजे तक चंद्र ग्रहण समाप्त हो जाएगा. ग्रहण की कुल अवधि 2 घंटे 43 मिनट और 24 सेकेंड की होगी.

यह चंद्र ग्रहण बस कुछ ही घंटे बाद लग रहा है. इसके साथ ही आज गुरु पूर्णिमा भी है. पूरे देश में गुरु पूर्णिमा का त्योहार भी मनाया जा रहा है. गुरु पूर्णिमा का त्योहार हर साल आषाढ़ की पूर्णिमा को मनाया जाता है.

आपको बतादें कि ऐसा संयोग पिछले 2018 से लगातार पड़ रहा है कि चंद्रग्रहण गुरु पूर्णिमा को लग रहा है. यह लगातार तीसरा साल होगा जब चंद्र ग्रहण आषाढ़ की पूर्णिमा को लग रहा है. गुरु पूर्णिमा को व्यास पूर्णिमा भी कहा जाता है.

इस साल 5 जुलाई को लगने वाला चंद्रग्रहण पहली बात तो उपछाया चंद्रग्रहण है. दूसरे यह भारत में नहीं दिखाई देगा जिसके कारण इसके सूतक काल का असर भारत में नहीं पड़ेगा. इस लिए ज्योतिष शास्त्रियों का कहना है कि इस चंद्र ग्रहण का असर पूजा –पाठ पर नहीं पड़ेगा. मंदिर के कपाट खुले रहेंगे. पूजा पाठ हर दिन के तरह होते रहेंगे.

नहीं पड़ेगा कोई असर गुरु पूर्णिमा की पूजा पर    

इस चंद्रग्रहण का गुरु पूर्णिमा की पूजा पर कोई असर नहीं पड़ेगा. सभी लोग अपने गुरु की पूजा कर सकेंगें. जो लोग गुरु पूजा विधि विधान से करना चाहते हैं वे बिना किसी दिक्कत के कर सकते हैं.

ऐसी मान्यता है कि आषाढ मास की पूर्णिमा को चारों वेदों व महाभारत के रचयिता कृष्ण द्वैपायन व्यास का जन्म हुआ था. वेदों की रचाना करने के कारण इन्हें वेद व्यास भी कहा जाता है. कहा जाता है कि महर्षि वेद व्यास ने सबसे पहले भागवत पुराण की कथा ऋषि मुनियों को सुनाई थी. इसके बाद ऋषि – मुनियों ने गुरु की पूजा करने की परंपरा की शुरुआत की. आषाढ़ मास की पूर्णिमा को गुरु पूजन का विशेष विधान है.

कैसे करें गुरु पूजा

हिन्दू धर्म में गुरु पूजा का विशेष विधान है. इस दिन लोग अपने गुरु की मूर्ति रखकर उसे अच्छे ढंग से सजाते हैं. उसके बाद धूप दीप अगरवत्ती आदि जलाकर गुरु मन्त्रों की सहायता पूजा करते हैं उसके बाद प्रसाद आदि वितरण करते हैं.