Year Ender 2022: साल 2022 अपने आखिरी पड़ाव में जल्द दुनिया नए साल 2023 का स्वागत करेगी. हर साल की तरह इस वर्ष भी सभी त्योहारों की रौनक रही. जहां 10 दिन तक घर-घर में गणपति जी विराजे तो वहीं 9 दिन तक सच्चे मन से देवी के भक्तों ने शक्ति साधना मं खुद को समर्पित कर दिया. आइए जानते हैं साल 2022 में गणेश चतुर्थी और चारों नवरात्रि से जुड़ी जानकारी.


हर साल मनाई जाती है चार नवरात्रि


सालभर में चार नवरात्रि मनाई जाती हैं दो गुप्त और दो प्रत्यक्ष. माघ और आषाढ़ माह में गुप्त नवरात्रि आती है वहीं अश्विन और चैत्र महीने में आने वाली मुख्य नवरात्रि कहलाती हैं.गुप्त नवरात्र खासतौर पर गुप्त सिद्धियां पाने का समय होता है. वहीं चैत्र और शारदीय नवरात्र में कुल देवी-देवताओं की पूजा की जाती है.


गुप्त नवारात्रि 2022 (Gupt Navratri 2022)



  • माघ गुप्त नवरात्रि 2022 -  2 फरवरी 2022 -  11 फरवरी 2022

  • आषाढ़ गुप्त नवरात्रि 2022 - 30 जून 2022 - 8 जुलाई 2022


गुप्त नवरात्रि महत्व (Gupt Navratri Significance)


गुप्त नवरात्रि में  दस महाविद्याओं की साधना की जाती है. इसमें विशेष रूप से तंत्र-मंत्र से संबंधित उपासना की जाती है. ये शक्ति साधना गुप्त तरीके से होती है. मान्यता है जो नियम और सच्चे मन से इस दौरान दस महाविद्याओं की साधना करता है उसे समस्त सिद्धियां प्राप्त हो जाती है.ये नवरात्रि तांत्रिकों और अघोरियों के लिए बहुत अनुकूल है. दस शक्तियों के प्रसन्न होने पर जातक को दुर्लभ और अतुल्य शक्ति प्राप्त होती है.


गुप्त नवरात्रि की दस महाविद्या (Gupt Navratri 10 Mahavidhya)



  1. मां काली

  2. मां तारा

  3. मां त्रिपुरा संदरी

  4. मां भुवनेश्वरी

  5. मां छिन्नमस्ता

  6. मां त्रिपुरा भैरवी

  7. मां धूमावती

  8. मां बगलामुखी

  9. मां मातंगी

  10. मां कमला


सामान्य नवरात्रि 2022 (Chaitra and Shardiya Navratri 2022)



  • चैत्र नवरात्रि 2022 - 2 अप्रैल 2022 - 11 अप्रैल 2022

  • अश्विन नवरात्रि 2022 - 26 सितंबर 2022 - 5 अक्टूबर 2022


चैत्र और शारदीय नवरात्रि का महत्व (Chaitra and Shardiya Navratri Importance)


चैत्र माह की नवरात्रि को बसंत नवरात्रि के नाम से जाना जाता है वहीं अश्विन माह में आने वाली नवरात्रि शारदीय नवरात्रि कहलाती है. चैत्र नवरात्रि से हिंदू नववर्ष की शुरुआत होती है. इसी दिन महाराष्ट्र का प्रमुख त्योहार गुड़ी पड़वा मनाया जाता है. गृहस्थ जीवन वालों के लिए ये दोनों नवरात्रि बहुत मायने रखती है.


हर साल देवी के भक्त नवरात्रि में  देवी दुर्गा को प्रसन्न करने के लिए नौ दिन तक नौ रूपों की पूजा करते हैं, जिन्हें नवदुर्गा कहा जाता है. चैत्र और शारदीय नवरात्रि में पहले दिन घरों में घटस्थानपा, अष्टमी और नवमी तिथि पर कन्या पूजन, नौ दिन तक भजन-कीर्तन कर मां दुर्गा की आराधना करते हैं. मान्यता है जो इन नवरात्रि में मां जगदंबा का पूजन, मंत्र जाप, तप करता है उसके समस्त कष्टों का नाश होता है और देवी की कृपा से जीवन में खुशियों का आगमन होता है


नवरात्रि की नौ देवियां (Navratri Tithi)



  1. मां शैलपुत्री पूजा और घटस्थापना  - नवरात्रि प्रथम दिन, प्रतिपदा तिथि

  2. मां ब्रह्मचारिणी पूजा- नवरात्रि दूसरा दिन, द्वितिया तिथि

  3. मां चंद्रघण्टा पूजा - नवरात्रि तीसरा दिन, तृतीया तिथि

  4. मां कुष्माण्डा पूजा - नवरात्रि चौथा दिन, चतुर्थी तिथि

  5. मां स्कंदमाता पूजा - नवरात्रि पांचवां दिन, पंचमी तिथि

  6. मां कात्यायनी पूजा - नवरात्रि छठा दिन, षष्ठी तिथि

  7. मां कालरात्री पूजा - नवरात्रि सातवां दिन, सप्तमी तिथि

  8. मां महागौपूजा, दुर्गा महाष्टमी - नवरात्रि आठवां दिन, महाअष्टमी तिथि

  9. मां सिद्धरात्री पूजा, दुर्गा महानवमी, कन्या पूजन - नवरात्रि नवां दिन, महानवमी तिथि


गणेश उत्सव 2022 (Ganesh Utsav 2022)


इस साल पूरे भारत में गणेश उत्सव धूमधाम से मनाया गया. जहां एक तरफ लोगों ने 10 दिन तक घरों में बप्पा को विराजमान किया वहीं पंडालों में भव्य झांकियां सजाई गई. भाद्रपद माह के शुक्ल चतुर्थी पर गौरी पुत्र गजानन का जन्मोत्सव मनाया जाता है.घरों में गणपति जी की स्थापना की जाती है. फिर दस दिन बाद अनंत चतुर्दशी पर बप्पा को विदाई देकर मूर्ति विसर्जन किया जाता है. मान्यता है कि जो हर साल इन 10 दिनों में गणपति जी की पूर्ण श्रद्धा के साथ आराधना करता है भगवान विघ्नहर्ता उसके हर संकट हर लेते हैं.



  • गणशे चतुर्थी 2022 - 31 अगस्त 2022 (Ganesh chaturthi 2022)

  • अनंत चतुर्दशी 2022 - 9 सितंबर 2022 (Anant Chaturdashi 2022)


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