Year Ender 2024: साल 2024 में अब कुछ ही समय शेष रह गया है और नए साल यानी 2025 (New Year 2025) की शुरुआत होने वाली है. हम सभी नए साल का स्वागत करते हैं, लेकिन इसी के साथ पुराने साल का अवलोकन करना भी जरूरी होता है.


ज्योतिष, भक्ति-अराधना, पर्व-त्योहार, शुभ संयोग, ग्रह-नक्षत्र, ग्रहण, मुहूर्त, योग आदि की दृष्टि से यह वर्ष यानि 2024 काफी महत्वपूर्ण रहा. बात करें यदि आध्यात्मिक गुरुओं की तो इस साल इनका भी बोलबाला रहा.


ज्योतिषाचार्य अनीष व्यास बताते हैं कि, आध्यात्मिक गुरु ज्ञान से समृद्ध माने जाते हैं इसलिए वे अपने ज्ञान से लोगों को भी परमात्मा की शक्ति से अवगत कराते हैं और लोगों को उचित-अनुचित का ज्ञान देते हैं. वहीं साधु संत काम, क्रोध, लोभ और मोह का त्याग कर साधना करते हैं.


आइये जानते हैं ऐसे आध्यात्मिक गुरुओं (Hindu scholar and spiritual leader) के बारे में जोकि इस साल यानि 2024 में किसी न किसी कारण खूब चर्चा में रहें. 


धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री (Dhirendra Krishna Shastri)



बागेश्वर धाम (Bageshwar Dham) सरकार के पीठाधीश्वर पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री इस वर्ष खूब चर्चा में रहें. 26 वर्षीय धीरेंद्र शास्त्री पर्चा निकालकर भक्तों की समस्या का समाधान करने के लिए प्रसिद्ध हैं. ये अपनी आकर्षक कथा-कहानियों और प्रेरक भाषणों से भक्तों के बीच खूब लोकप्रिय हैं.


अनिरुद्धाचार्य जी महाराज (Aniruddhacharya Ji Maharaj)



अनिरुद्ध आचार्य वृंदावन (Vrindavan) के एक आध्यात्मिक गुरु कहलाते हैं. कहा जाता है कि इन्हें वैदिक ज्योतिष और अनुष्ठानों की गहरी समझ है. ये ज्योतिषीय परामर्श और आध्यात्मिक मार्गदर्शन के जरिए लोगों को जीवन में आगे बढ़ाने में सहायता करते हैं.


प्रेमानंद जी महाराज (Premanand Ji Maharaj)



प्रेमानंद जी महाराज उत्तर प्रदेश के महान संत हैं. ये राधा कृष्ण (Radha Krishna) के प्रति भक्ति और भगवद गीता की शिक्षाओं के प्रसार के लिए लोकप्रिय हैं. महाराज जी ने वृंदावन में श्री हित राधा केलि कुंज आश्रम की स्थापना भी की है, जो आध्यात्मिक शिक्षा और सामाजिक कल्याण के केंद्र के रूप में काम करता है. प्रेमानंद महाराज के सत्संग और कीर्तन भी बहुत लोकप्रिय है.


रामभद्राचार्य जी (Rambhadracharya Ji)



रामभद्राचार्य जी प्रमुख हिंदू विद्वान और आध्यात्मिक गुरु हैं, जिन्हें शास्त्रों का व्यापक ज्ञान है. साथ ही संस्कृत शिक्षा को भी बढ़ावा देते हैं. रामभद्राचार्य जी चित्रकूट में जगद्गुरु रामभद्राचार्य विकलांग विश्वविद्यालय के संस्थापक हैं. रामायण (Ramayan) और भगवद गीता पर इनके प्रवचनों को बहुत सम्मान दिया जाता है.


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