Yogini Ekadashi 2021 Live: योगिनी एकादशी व्रत आज, इस व्रत में क्या करें, क्या न करें? जानें विस्तार से

Yogini Ekadashi 2021 Live Updates: आज योगिनी एकादशी व्रत के दिन इस सरल विधि से पूजा करने पर भगवान विष्णु प्रसन्न होते हैं और भक्त की मनोकामना पूरी करते हैं.

एबीपी न्यूज Last Updated: 05 Jul 2021 02:53 PM
योगिनी एकादशी व्रत में क्या करें  और क्या न करें 

  1. योगिनी एकादशी व्रत में नमक नहीं खाया जाता है.

  2. योगिनी एकादशी व्रत में किसी दूसरे का दिया हुआ अन्न न ग्रहण करें.

  3. किसी की निंदा,अपमान और आलोचना न करें.

  4. इस व्रत में पापी मनुष्यों के साथ बातचीत न करें. मान्यता है कि ऐसा करने से व्रत का पुण्य क्षीण होता है.

  5. योगिनी एकादशी में क्रोध, मिथ्या भाषण का त्याग करना चाहिए.

  6. इस व्रत में कांसे के बर्तन के अलावा किसी अन्य वर्तन में कुछ भी न खाएं-पियें.

  7. इस व्रत के दिन जरूरत मंदों की मदद करें तथा उन्हें दान दें.

  8. योगिनी एकादशी व्रत में विष्णु सहस्त्रनाम का जाप करें एवं भगवान श्री हरि विष्णु को पीले फूल अर्पित करें.

योगिनी एकादशी व्रत में भूलकर भी न करें ये कम 

  1. योगिनी एकादशी व्रत में गाजर, शलजम, गोभी, पालक का सेवन नहीं करना चाहिए.

  2. योगिनी एकादशी व्रत में तामसिक भोजन वर्जित है.

  3. योगिनी एकादशी व्रत में किसी भी वृक्ष से पत्ते ना तोड़ें. पौधों को जल दें.

  4. योगिनी एकादशी के दिन बाल कटाएं.

  5. योगिनी एकादशी व्रत में रात्रि जागरण कर श्री हरि भगवान विष्णु का ध्यान करें तथा उनके नाम का जाप करें.

योगिनी एकादशी व्रत का महत्व

एकादशी का व्रत रखने से भक्त को सभी तरह के पापों से मुक्ति मिल जाती है तथा व्यक्ति की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं. ऐसा कहा जाता है कि एकादशी का व्रत रखने से व्यक्ति को मृत्यु के बाद मोक्ष की प्राप्ति होती है.

योगिनी एकादशी व्रत कब से ? शुभ मुहूर्त

  • एकादशी तिथि प्रारम्भ - जुलाई 04, 2021 को शाम 07:55 बजे से

  • एकादशी तिथि समाप्त - जुलाई 05, 2021 को रात 10:30 बजे

  • योगिनी एकादशी व्रत का पारण (व्रत तोड़ने का) समय - 6 जुलाई को सुबह 05:29 बजे से 08:16 बजे तक

एकादशी व्रत क्या है?

हिंदू धर्म के अनुसार, एकादशी व्रत, एकादशी तिथि को रखा जाता है. यह हर मास के प्रत्येक पक्ष में होती है. अर्थात एक महीने में दो एकादशी तिथि पड़ती है. इस प्रकार साल भर में कुल 24 एकादशी तिथि होती है. भगवान विष्णु को समर्पित एकादशी व्रत रखने से भक्त पर उनकी विशेष कृपा होती है. इससे व्यक्ति की सारी मनोकामना पूरी होती है और मृत्यु के बाद मोक्ष की प्राप्ति होती है.

योगिनी एकादशी व्रत पूजा के लिए शुभ समय

  • ब्रह्म मुहूर्त- प्रातःकाल 04:08 बजे से 04:48 बजे तक

  • अभिजित मुहूर्त- दोपहर 11:58 से दोपहर 12:54 बजे तक

  • विजय मुहूर्त- शाम 02:45 बजे से 03:40 बजे तक

  • गोधूलि मुहूर्त- शाम 07:09 बजे से 07:33 बजे तक

  • अमृत काल- प्रातःकाल 06:47 बजे से 08:35 बजे तक

योगिनी एकादशी पूजा सामग्री लिस्ट

  1. श्री विष्णु जी का चित्र अथवा मूर्ति

  2. पुष्प

  3. लौंग

  4. धूप

  5. तुलसी दल

  6. चंदन

  7. सुपारी

  8. फल

  9. घी

  10. दीप

  11. मिष्ठान

  12. नारियल

  13. पंचामृत

  14. अक्षत

  15. योगिनी एकादशी व्रत के नियम

योगिनी एकादशी व्रत के नियम

इस व्रत में एकादशी के पूर्व दशमी तिथि से लेकर द्वादशी के दिन तक चावल नहीं खाना चाहिए. व्रत के दिन भगवान विष्णु का ध्यान करते हुए पूजन करना चाहिए.  एकादशी के व्रत के पूर्व और पारण के बाद सात्विक भोजन ग्रहण करना चाहिए. मांस- मदिरा का सेवन भूलकर भी नहीं करना चाहिए.

योगिनी एकादशी व्रत की पूजा विधि

योगिनी एकादशी व्रत के दिन प्रात: काल स्नान आदि से निवृत होकर पीला वस्त्र धारण करें, उसके बाद पूजा की चौकी पर पीले रंग के आसन पर भगवान विष्णु की मूर्ति या चित्र स्थापित करें. अब व्रत का संकल्प लेकर भगवान विष्णु का जलाभिषेक करें तथा उनके चरणों में पीले फूल, फल, हल्दी, तुलसी दल, अक्षत्, पीले वस्त्र, धूप, दीप, पंचामृत आदि अर्पित करें. अब विष्णु चालीसा या विष्णु सहस्रनाम का पाठ करें. अंत में आरती करें और पूरा दिन फलाहारी व्रत रखकर अगले दिन इसी प्रकार की पूजा करने के बाद व्रत का पारण करें.

बैकग्राउंड

Yogini Ekadashi 2021 Live Updates: हिंदू पंचांग के मुताबिक, आज 5 जुलाई को योगिनी एकादशी व्रत है. यह व्रत हर साल आषाढ़ मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को होती है. एकादशी व्रत प्रत्येक महीने में दो बार आती है. एक कृष्ण पक्ष की और दूसरी शुक्ल पक्ष में. एकादशी व्रत भगवान विष्णु को समर्पित होता है. इस दिन विष्णु के भक्त व्रत रखकर श्रद्धा पूर्वक अपने आराध्य देव भगवान विष्णु की पूजा अर्चना करते हैं. इससे भगवान विष्णु अपने भक्तों के सभी कष्ट दूर करते हैं, उनकी मनोकामना पूरी करते हैं.


योगिनी एकादशी व्रत का महत्व इस लिए और अधिक बढ़ जाता है क्योंकि योगिनी एकादशी व्रत के बाद देवशयानी एकादशी आती है. मान्यता है कि देवशयानी एकादशी के बाद भगवान विष्णु योग निद्रा में चले जाते हैं. वहां वे 4 मास तक आराम करते हैं. इसी लिए इस मास को चौमासा या चातुर्मास कहा जाता है, इस काल में कोई भी शुभ कार्य नहीं किया जाता है.  माना जाता है कि चातुर्मास में कोई शुभ कार्य करने से शुभ फल नहीं मिलता है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, योगिनी एकादशी व्रत का महत्व बतलाते हुए कहा है कि यह व्रत करने से 88 हजार ब्राह्मणों को भोजन कराने के बराबर फल मिलता है.  



योगिनी एकादशी व्रत की तिथि एवं मुहूर्त


पंचांग के अनुसार साल 2021 की योगिनी एकादशी का व्रत 05 जुलाई दिन सोमवार को रखा जाएगा. हालांकि आषाढ़ मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि 04 जुलाई को शाम को 07 बजकर 55 मिनट पर लगी, जो 05 जुलाई दिन सोमवार को रात 10 बजकर 30 मिनट पर समाप्त होगी. उदया तिथि के नियमानुसार योगिनी एकादशी व्रत 05 जुलाई को रखा जाएगा.


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