Yogini Ekadashi 2022 Vrat Katha: पंचांग के अनुसार, आषाढ़ मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को योगिनी एकादशी व्रत रखा जाता है. मान्यता है कि योगिनी एकादशी का व्रत करने से इस पृथ्वी लोक पर भोग और परलोक में मुक्ति मिलती है. इस व्रत में भगवान विष्णु की पूजा की जाती है. पूजा के दौरान योगिनी एकादशी व्रत कथा जरूर पढ़नी चाहिये. कहा जाता है कि इस कथा को पढ़ने या सुनने से समस्त पापों का नाश हो जाता है. पौराणिक धार्मिक कथा के अनुसार इस दिन व्रत कथा करने से कुष्ठ रोग से भी छुटकारा मिलता है.


योगिनी एकादशी की व्रत कथा (Yogini Ekadashi 2022 Vrat Katha)


स्वर्ग की अलकापुरी नामक नगरी में शिव का उपासक कुबेर नामक राजा रहता था. पूजा के लिए हेम नामक माली प्रतिदिन फूल लेकर आता था. एक दिन हेम अपनी पत्नी विशालाक्षी को मानसरोवर में स्नान करते समय देखकर कामुक हो गया है और उसके रमण करने लगा जिसके कारण माली को फूल लाने में देर हो गयी. जिसका कारण जानने पर राजा बहुत क्रोधित हो गया और राजा ने उसे श्राप दे दिया.


राजा कुबेर ने दिया माली को ये श्राप


क्रोधित राजा कुबेर ने हेम माली से कहा कि तूने काम वासना के चलते भगवान शिव का अनादर किया है. मैं तुझे श्राप देता हूं कि तू स्त्री का वियोग सहेगा और मृत्युलोक (पृथ्वी) में जाकर कुश्त रोग से ग्रसित रहेगा. कुबेर के श्राप से हेम माली का स्वर्ग से पतन हो गया और वह उसी क्षण पृथ्वी पर गिर गया. पृथ्वी लोक में आते ही उसके शरीर में कोढ़ हो गया. वो काफी समय तक दु:ख भोगता रहा.


मार्कण्डेय ऋषि ने योगिनी एकादशी व्रत करने को कहा


एक दिन वह मार्कण्डेय ऋषि के आश्रम में पहुंच गया. उसे देखकर मार्कण्डेय ऋषि बोले तुमने ऐसा कौन सा पाप किया है, जिसके प्रभाव से तुम्हारी यह हालत हो गई. हेम माली ने पूरी बात उन्हें बता दी. उसकी व्यथा सुनकर ऋषि ने उसे योगिनी एकादशी का व्रत करने के लिए कहा. हेम माली ने विधिपूर्वक योगिनी एकादशी का व्रत किया. इस व्रत से हेम  कुष्ठ रोग से मुक्ति पाकर अपने पुराने रूप में आ गया और पत्नी के साथ सुखी जीवन यापन करने लगा.


योगिनी एकादशी व्रत 2022 शुभ मुहूर्त (Yogini Ekadashi 2022 Shubh Muhurt)



  • योगिनी एकादशी व्रत 24 जून, शुक्रवार को है

  • एकदशी तिथि का आरंभ: 23 जून को रात 9 बजकर 41 मिनट से

  • एकादशी तिथि की समाप्ति : 24 जून को रात 11 बजकर 12 मिनट पर

  • योगिनी एकादशी व्रत का पारण समय: 25 जून को सुबह 5 बजकर 41 मिनट के बाद और 8 बजकर 12 मिनट से पहले

  • पारण की अवधि: 2 घंटे 28 मिनट



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