Zodiac signs: गुरु-शुक्र की युति से 23 मई तक इन राशियों को होगा धन लाभ, खुलेंगे किस्मत के द्वार
23 मई 2022 तक गुरु और शुक्र ग्रह मीन राशि में ही रहेंगे. इन दोनों ग्रहों का एक ही राशि में होना इन चार राशियों के जातकों के लिए शुभ संकेत है.
Zodiac Signs: ज्योतिष शास्त्र में ग्रहों का समय-समय पर एक दूसरे के समीप आना या संपर्क में आना एक सुखद योग बनाता है. इससे मानव जीवन पर बहुत ही सकारात्मक प्रभाव पड़ता है. इस बार ज्योतिष काल गणना के अनुसार 27 अप्रैल 2022 से 23 मई 2022 तक गुरु और शुक्र मीन राशि में ही रहेंगे. इन दोनों ग्रहों का एक ही राशि में होना बहुत शुभ संकेत है. इन ग्रहों का अपना खास महत्व है.
गुरु बृहस्पति जहां देवताओं के गुरु माने जाते हैं, वही शुक्र को असुरों का गुरु माना जाता है. गुरु को सुख, ज्ञान, संतान, धार्मिक कार्य, दान, पुण्य और वृद्धि का कारक बताया जाता है. वहीं शुक्र को भोग विलास, भौतिक सुख, रोमांस, कामवासना आदि का प्रतिनिधित्व करने वाला बताया जाता है. ऐसे में दो विलक्षण प्रतिभा के धनी ग्रहों के आपस में एक साथ युति करने पर सभी 12 राशियों पर प्रभाव पड़ेगा. लेकिन 4 राशियों पर इनका कुछ विशेष प्रभाव पड़ेगा और सकारात्मक बदलाव देखने को मिलेगा.
इन राशियों पर पड़ेगा प्रभाव
12 साल बाद बन रहे इस विलक्षण योग से इन राशियों के जातकों के जीवन में बहुत अधिक बदलाव दिखने की संभावना है. जिन चार राशियों पर शुक्र और गुरु की युति का सर्वाधिक प्रभाव पड़ेगा वह राशियां हैं:-
- मीन राशि : धन लाभ की प्रबल संभावना है. कैरियर की नई ऊंचाइयों को प्राप्त होंगे. ऐशो आराम और सुख सुविधा प्राप्त होगी.
- कर्क राशि : धन लाभ की प्रबल संभावना है. कैरियर की नई ऊंचाइयों को प्राप्त होंगे. ऐशो आराम और सुख सुविधा प्राप्त होगी.
- कन्या राशि : भाग्य में बढ़ोतरी होगी. परिवार में सुख और शांति का वातावरण बना रहेगा. आमदनी में वृद्धि के संकेत भी हैं.
- मकर राशि: इस राशि के जातकों को भाग्य का लाभ मिलेगा. परिवार में खुली का माहौल रहेगा. आय में वृद्धि के योग हैं. जीवनसाथी का सहयोग प्राप्त होगा.
युति कैसे बनती है?
जब दो ग्रह एक ही राशि में होते हैं तो उसे युति कहा जाता है, जब तीन ग्रह एक राशि में होते हैं उसे त्रिग्रही योग कहा जाता है, जब एक साथ चार ग्रह एक ही राशि में विचरण करते हैं तो चतुग्रही योग बनता है, और जब पांच ग्रह एक साथ एक ही राशि में प्रवेश करते हैं या विचरण करते हैं तो उसे पंचग्रही योग कहा जाता है. इन सभी योग का अलग अलग महत्व है.
Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. यहां यह बताना जरूरी है कि ABPLive.com किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें.