Car Accident Reason: क्रिकेटर ऋषभ पंत (Rishabh Pant) के कार एक्सीडेंट के बाद एक बार फिर सड़क हादसों (Road Accident Reason) को लेकर चर्चाएं बढ़ गई हैं. जानकारी के मुताबिक, जिस कार को पंत ड्राइव कर रहे थे, वह काफी स्पीड में थी और हादसा झपकी लगने की वजह से हुआ. भारत में हर साल बड़ी संख्या में लोग रोड एक्सीडेंट का शिकार होते हैं. NCRB की एक रिपोर्ट के मुताबिक, देश में हर साल करीब 4,50,000 एक्सीडेंट होते हैं. इसमें से करीब 1,50,000 लोगों की मौत हो जाती है और कई लोग अपना कोई न कोई अंग गवां देते हैं. माना जाता है कि दोपहर 12 बजे से 3 बजे तक और रात 2 बजे से 5 बजे तक सबसे ज्यादा रोड एक्सीडेंट्स होते हैं. आइए जानते हैं क्या ऐसा नींद की वजह से होती है. आइए जानते हैं...
रोड एक्सीडेंट्स के लिए नींद जिम्मेदार- स्टडी
1. वर्ल्ड बैंक (World Bank) की स्टडी में यह बात सामने आई कि स्लीप डिसऑर्डर के चलते 300 प्रतिशत रोड एक्सीडेंट का रिस्क बढ़ जाता है.
2. दूसरी स्टडी 2021 में IIT बॉम्बे के डॉ. कीर्ति महाजन और प्रोफेसर नागेंद्र वेलागा की है। इस स्टडी में उन्होंने पाया कि ऐसे ड्राइवर जो 5 घंटे से कम नींद लेते हैं, सबसे ज्यादा एक्सीडेंट के शिकार वे ही होते हैं.
3. तीन साल पहले 2020 में केरल के ट्रांसपोर्ट अधिकारियों ने एक सर्वे में पाया कि हाइवे पर जितने भी एक्सीडेंट होते हैं, उसके लिए 40% ऐसे ड्राइवर जिम्मेदार होते हैं, जो ठीक से नहीं सोते हैं। यानी उनकी नींद नहीं पूरी हुई रहती है.
4. चौथी और आखिरी स्टडी 2019 में सेंट्रल रोड रिसर्च इंस्टीट्यूट की तरफ से की गई। यह स्टडी 300 किलोमीटर के आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे पर हुई। जो नतीजे सामने आए, उसके मुताबिक 40% रोड एक्सीडेंट ड्राइवर की नींद पूरी न होने के चलते होती होती है.
इस टाइम होते हैं सबसे ज्यादा एक्सीडेंट
दोपहर 12 से शाम के 3 बजे तक के समय सबसे ज्यादा कार एक्सीडेंट होते हैं. क्योंकि लंच के बाद नींद आती है.
रात 2 से सुबह 5 बजे तक गहरी नींद का समय होने के चलते ड्राइवर की अलर्टनेस कम होती है और सबसे ज्यादा एक्सीडेंट होते हैं.
नींद आने से क्यों होते हैं रोड एक्सीडेंट
1. नींद पूरी न हो पाने की वजह से कार की ब्रेक लगाने, एक्सेलेटर से पैर हटाने या स्पीड कम करने के अलर्टनेस में कमी आती है.
2. रात में प्रोफेशनल ड्राइव करने वाले ज्यादातर ड्राइवर के पास न किसी तरह की कोई ट्रेनिंग नहीं होती है और ना ही ड्राइविंग का एक्सपीरियंस.
3. कई लोग ऐसे भी होते हैं, जिन्हें लगता है कि रात में ड्राइव करने से डेस्टिनेशन पर जल्दी पहुंच जाएंगे, क्योंकि ट्रैफिक कम होता है. ऐसे में वे स्पीड के साथ ड्राइविंग करते हैं और इससे सड़क हादसे बढ़ जाते हैं.
4. कुछ लोग ऐसे भी होते हैं जो दिन में तो अच्छी ड्राइविंग करते हैं लेकिन रात में एक्सपीरियंस न होने के चलते उन्हें झपकी आती है और एक्सीडेंट होने का रिस्क बढ़ जाता है.