Rishi Neetu Troubled Married Life : बॉलीवुड के मशहूर एक्टर ऋषि कपूर और नीतू कपूर अपनी फिल्मों और अपने अंदाज से हिंदी सिनेमा में जबरदस्त पहचान बनाई थी. इस बात से सभी वाकिफ हैं कि ऋषि कपूर और नीतू कपूर की शादीशुदा जिंदगी जितने प्यार के साथ शुरू हुई थी, दोनों की जिंदगी में उतने ही कड़वाहट भरे लम्हे भी आए थे. एक समय ऐसा आ गया था, जब लोगों को लगा कि अब ये दोनों साथ नहीं रह सकेंगे. हालांकि, वे न सिर्फ साथ बने रहे, बल्कि ऋषि के आखिरी समय तक नीतू उनका मजबूत सहारा बनी रहीं. शादी से पहले वह कई सालों तक रिलेशनशिप में भी रहे थे. दोनों के रिश्ते में काफी उतार-चढ़ाव भी आए थे. एक्टर की बायोग्राफी में नीतू कपूर ने बताया था कि वह उन्हें रोज रुलाते थे, फिर भी वह उनके साथ रहना चाहती थीं. इन सबने हमारा रिलेशनशिप रणबीर से भी प्रभावित किया जो आज तक नजर आता है. ऋषि, नीतू और रणबीर से जुड़ी इन बातों से आप समझ सकते हैं कि माता-पिता के रोज-रोज के झगड़ों का बच्चे के मानसिक और भावनात्मक विकास पर कितना नकारात्मक असर पड़ता है.
ऋषि और नीतू के बीच झगड़े का कारण
कहा जाता है कि ऋषि कपूर का गुस्सैल रवैया और उन्हें लगी शराब की लत के कारण उनकी शादीशुदा जिंदगी बद से बदतर होती चली जा रही थी. हालात इतने बिगड़ गए थे कि नीतू ने पति के खिलाफ घरेलू हिंसा तक का मामला दर्ज करा दिया था. कहा जाता है कि इसके बाद दोनों ने अलग रहना शुरू कर दिया था और पैसे कमाने के लिए नीतू ने सैलॉन ओपन कर लिया था. हालांकि, बाद में दोनों ने अपने डिफ्रेंस दूर किए और ऋषि की ड्रिकिंग की हैबिट में कमी आई, तब दोनों के बीच की कड़वाहट कम होने लगी और उन्होंने फिर से साथ रहना शुरू कर दिया.
रिश्ते तबाह कर देती है शराब
कहते हैं शराब की लत केवल इंसान को ही नहीं बरबाद करती बल्कि उसके सभी रिश्तों को भी दीमक की तरह खा जाती है. दुनियाभर में शादियों के टूटने की बड़ी वजहों में से एक शराब है. इस तरह की शादियों में मानसिक प्रताड़ना से लेकर झगड़े और घरेलू हिंसा के मामले आम होते हैं. शराब की लत व्यक्ति की न सिर्फ शादी बल्कि अन्य रिश्ते और यहां तक कि उसका करियर भी बर्बाद कर सकती है, जो उसे सड़क पर ला सकता है.
मैं हमेशा प्रर्थाना करता था कि अब वे चुप हो जाएं
ऋषि और नीतू ने भले ही डिफ्रेंस दूर कर लिए थे, लेकिन उनके झगड़ों ने बच्चों को बहुत बड़ा नुकसान पहुंचा दिया था. रणबीर ने एक इंटरव्यू में खुलकर इस बारे में बात की थी. उन्होंने बताया था कि उनके पैरंट्स सुबह 5-6 बजे तक लगातार लड़ते रहते थे. इस दौरान रणबीर घर की सीढ़ियों पर बैठकर, घुटनों के बीच अपना मुंह छिपाए रहते थे. वे रोते हुए बस यही उम्मीद करते थे कि उनके माता-पिता अब झगड़ना बंद करें.रणबीर ने आगे बताया था कि नीतू और ऋषि के झगड़ों ने रिश्तों को समझने और उसे लेकर उनके नजरिए पर काफी असर डाला. 'मुझे समझ में आया कि शादी या रिलेशनशिप फूलों की सेज नहीं है, बल्कि इसका एक बुरा पक्ष भी है.'
रिलेशनशिप हो जाए खराब तो बच्चों पर पड़ता है फर्क
बच्चों को अपने मम्मी और पापा दोनों से ही समान रूप से प्यार होता है. ऐसे में वे जब मम्मी- पापा को एकदूसरे से लड़ाई करते हुए देखते हैं तो वे यह पीड़ा सहन नहीं कर पाते हैं. कई सारे बच्चे रोने लग जाते हैं, कई बच्चे इस कदर तनाव में चले जाते हैं कि गुमसुम रहने लगते हैं, स्कूल में भी अपने दोस्तों व टीचर्स से बात करना बंद कर देते हैं. घर में भी किसी एक कोने में बैठकर घंटों बीता देते हैं. रणबीर और ऋषि दोनों ने ही माना था कि उनके बीच आम पिता-बेटे जैसा रिश्ता नहीं है. इसके लिए उस पीरियड को ही जिम्मेदार ठहराया गया, जब ऋषि और नीतू के बीच रोज लड़ाइयां होती थीं. इस वजह से रणबीर अपनी मां के तो करीब बने रहे, लेकिन पिता से वह इमोशनल अटैच नहीं हो सके. नीतू ने खुद एक इंटरव्यू में बताया था कि उनके पति और बेटा एक साथ भी रहें, तो भी उनके बीच बातचीत नहीं होती है. जब वह घर पहुंच जाती हैं या उनके साथ बैठती हैं, तभी दोनों कुछ कह पाते हैं.