Relationship Tips: माता-पिता के बीच हुए अलगाव का असर सबसे ज्यादा उनके बच्चों पर ही होता है और कई बार यह प्रभाव बड़ा विध्वंसक होता है. हालांकि, विदेशों में तलाकशुदा जोड़ों का मतलब टूटे हुए परिवार से बिल्कुल नहीं है. भारत में कपल्स का अलग होना या तलाक लेना एक टूटे रिश्ते की पहचान है, जिसका सबसे ज्यादा असर उनके बच्चों पर पड़ता है. बॉलीवुड एक्ट्रेस सारा अली खान (Sara Ali Khan) भी उन्हीं में से एक हैं, जिन्होंने न कम उम्र में पैरेंट्स को अलग होते हुए देखा बल्कि इस बात का खुलासा भी किया कि दोनों को एक साथ देख उन्हें कितना अच्छा लगता है.


मां अब्बा को साथ देख होती है खुशी 


बॉलीवुड एक्टर सैफ अली खान और एक्ट्रेस अमृता सिंह ने घरवालों की मर्जी के खिलाफ जाकर साल 1991 में शादी की और फिर 13 साल बाद अलग हो गए. हालांकि, तलाक के बाद दोनों के बीच किसी तरह का कोई संबंध नहीं था, लेकिन अपने बच्चों की परवरिश के लिए वह हमेशा साथ खड़े रहे. ऐसा ही एक वाक्या तब देखने को मिला था, जब सैफ और अमृता, सारा अली खान को यूनिवर्सिटी ड्रॉप करने गए थे. दरअसल, करण जौहर के फेमस शो 'कॉफी विद करण' में सारा अली खान ने पैरेंट्स की आखिरी मुलाकात का जिक्र करते हुए बताया था 'मैं कॉलेज जा रही थी और मां-अब्बा मुझे ड्रॉप करने आए थे. मैं और अब्बा डिनर कर ही रहे थे कि हमने तय किया कि हम मां (अमृता) को भी बुला लेते हैं. मेरे फोन करने के बाद वह वहां आईं और हमने साथ में अच्छा वक्त बिताया. दोनों ने मेरी कॉलेज सेट करने में काफी मदद की थी. एक तरफ जहां मां मेरा बिस्तर लगा रही थीं तो वहीं अब्बा लैंप में बल्ब फिट कर रहे थे. मां-अब्बा साथ थे. उस दिन को मैं हमेशा याद रखूंगी. 


कहीं बच्चे तो नहीं पिस रहें हैं
हम मानते हैं कि कपल्स के बीच जब रिश्ते पूरी तरह बिगड़ जाते हैं, तो उनका ज्यादा दिन साथ रहना मुश्किल हो जाता है. हालांकि, ऐसे समय में जरूरी है कि आप दोनों ही बैठकर बात करें और किसी सही निष्कर्ष पर पहुंचें बजाए आपस में लड़ने-झगड़ने के. ऐसा इसलिए क्योंकि आपके बढ़ते मतभेद का शिकार आपका बच्चा भी हो सकता है, जिस पर न केवल आप दोनों के अलग होने का गलत प्रभाव पड़ेगा बल्कि वह दोनों से कटना भी शुरू कर देगा. बॉलीवुड में भी ऐसे बहुत से कपल्स हैं, जिनकी आपस में नहीं बनीं लेकिन इस दौरान भी उन्होंने अपने बच्चों का ख्याल रखा. 


एक को चुनने वाली शर्त गलत
ज्यादातर रिलेशन में ऐसा देखा गया है कि पति-पत्नी जब अलग होते हैं, तो वह अक्सर अपने बच्चों के सामने किसी एक को चुनने की शर्त रखते हैं, जोकि पूरी तरह से अलग है. पति-पत्नी को कभी भी इस बात को नहीं भूलना चाहिए कि आप दोनों भले ही अलग हो रहे हों लेकिन आप अपने बच्चों के लिए अभी भी माता-पिता बने हुए हैं.आपका एक फैसला न केवल उनके दिल में आपके लिए नफरत पैदा कर सकता है बल्कि आप दोनों को ही वह गलत मानने लगेगा.


जहर घोलने की न करें कोशिश
एक तरफ जहां तलाक के मामले में बच्चों को लेकर कपल्स के बीच खींचतान होती है, तो वहीं दूसरी तरफ वह अपने बच्चों के ज़ेहन में एक-दूसरे के प्रति जहर घोलने लगते हैं. ऐसा करना न सिर्फ बच्चों की इमोशनल व मेंटल हेल्थ पर असर डालता है बल्कि उनके मन में एक-दूसरे के प्रति गुस्सा भर देता है. 


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