नई दिल्ली: दुनियाभर में 4 करोड़ के आंकड़े का पास पहुंच चुके कोरोना वायरस के संक्रमण पर हर दिन नई रिसर्च सामने आ रही है. बीते साल दिसंबर के महीने में चीन के वुहान से शुरू होकर विश्वभर में फैला यह वायरस तकरीबन 10 लाख से ज्यादा लोगों को मौत की नींद सुला चुका है. एक नई रिसर्च में वैज्ञानिकों की टीम ने खुलासा किया है कि इस साल आने वाली सर्दियां एक बार फिर कोरोना वायरस के कहर बढ़ सकता है.


नैनो लेटर्स जर्नल में छपे इस रिसर्च में कहा गया है कि कोरोना वायरस से बचने के लिए 6 फीट की दूरी काफी कम है. रिसर्च के अनुसार कहा गया गया है कि गर्मियों में एरोसोल के कणों के कारण कोरोना का संक्रमण एक जगह से दूसरी जगह पहुंच रहा था, वहीं सर्दियों में रेस्पिरेटरी ड्रॉप्लेट्स के कारण इसका संक्रमण काफी तेज होने की उम्मीद है.


शोधकर्ताओं की टीम के अनुसार कोरोना वायरस के कण हवा में 6 फीट से ज्यादा दूरी का सफर कर रहें हैं. ऐसे में कोरोना से बचाव के लिए सोशल डिस्टेंसिंग की 6 फीट की दूरी काफी कम है. शोधकर्ताओं के अनुसार कम तापमान और ज्यादा नमी वाली जगहों पर कोरोना का वायरस जमीन के संपर्क में आने से पहले 6 फीट से लंबी दूरी का सफर कर रहे हैं.


वैज्ञानिकों ने कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए हमेशा मास्क का इस्तेमाल करते रहने के साथ ही सोशल डिस्टेंसिंग और एयर फिल्टर के इस्तेमाल की बात कही है. वैज्ञानिकों का मानना है कि गर्मी की तुलना में सर्दियों में रेस्पिरेटरी ड्रॉप्लेट्स के कारण कोरोना काफी ज्यादा संख्या में लोगों को संक्रमित कर सकता है.


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