क्या कहती है रिसर्च-
अमेरिका में यूनिवर्सिटी आफ कैलिफोर्निया के सेन डियागो स्कूल आफ मेडिसिन के शोधकर्ताओं ने अपने एक शोध में पाया कि ऐसी महिलाएं जो प्रति दिन 40 मिनट से कम समय तक हल्की से भारी शारीरिक मेहनत का काम करती हैं उनके शरीर में टेलोमीरिज छोटे होते हैं. टेलोमीरिज क्रोमोसोम्स को डिस्ट्रॉय होने से बचाने वाले डीएनए स्ट्रेंड्स के अंतिम हिस्सों पर लगे छोटे छोटे कैप होते हैं और उम्र बढ़ने के साथ ये तेजी से और छोटे होते जाते हैं.
मोटापे और धूम्रपान से जल्दी आता है बुढ़ापा-
जैसे-जैसे उम्र बढ़ती जाती है ये टेलोमीरिज नैचुरली छोटे और नाजुक होते जाते हैं लेकिन हेल्थ और लाइफस्टाइल जैसे कि मोटापा और धूम्रपान से यह प्रक्रिया और तेज हो जाती है . टेलोमीरिज के छोटे होने का संबंध हार्ट संबंधी बीमारियों और कई प्रकार के प्रमुख कैंसरों से होता है .
क्या कहते हैं एक्सपर्ट-
यूसी सेन डियागो की शोध टीम के प्रमुख लेखक अलादीन शादाब कहते हैं कि हमारे शोध में यह पता चला है कि अगर आरामतलब जीवनशैली है तो कोशिकाएं तेजी से बूढ़ी होती हैं. वास्तविक उम्र हमेशा बायलोजिकल ऐज के बराबर नहीं होती है . शोधकर्ताओं का मानना है कि उन्होंने पहली बार इस बात का पता लगाया है कि किस प्रकार आरामतलब जीवनशैली और कसरत मिलकर बढ़ती उम्र को प्रभावित कर सकते हैं .
कैसे की गई रिसर्च-
इस शोध में 64 से 95 साल की उम्र की करीब 1500 महिलाओं ने भाग लिया.
शादाब ने बताया कि हमने पाया कि जो महिलाएं अधिक समय तक बैठी रहती हैं लेकिन यदि वे प्रतिदिन कम से कम 30 मिनट तक कसरत करती हैं तो उनके टेलोमीरिज छोटे नहीं पाए गए .
वे आगे कहते हैं कि कसरत के फायदों के बारे में उसी समय बताया जाना चाहिए जब हम युवा होते हैं और शारीरिक गतिविधियां हमारी रोजमर्रा की जिंदगी का हिस्सा होनी चाहिए , यहां तक कि 80 साल की उम्र में भी .