सीरम इंस्टीट्यूट को मिली इंट्रानैसल कोरोना वैक्सीन के ट्रायल की मंजूरी, नाक के ज़रिए दिया जाएगा ये टीका
सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया और भारत बायोटेक को इंट्रानैसल कोरोना वैक्सीन के ट्रायल की मंजूरी मिल गई है. अब देश में कोरोना संक्रमण के नियंत्रण के लिए इंट्रनैसल वैक्सीन का निर्माण किया जा सकता है.
नई दिल्ली: दुनियाभर में कोरोना संक्रमण से 4 करोड़ के करीब लोग संक्रमित हुए हैं, वहीं अभी तक इस महामारी से 10 लाख से ज्यादा लोगों की मौत हुई है. कोरोना संक्रमण से सबसे ज्यादा मौत अमेरिका में देखने को मिली है. वहीं ज्यादातर देश कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए लगातार कोशिश कर रहें हैं. अब खबर मिल रही है कि कोरोना संक्रमण के नियंत्रण के लिए इंट्रानैसल वैक्सीन का निर्माण किया जा सकता है. जिसका ट्रायल भारत में शुरू करने की तैयारी हो रही है.
खबरों के अनुसार केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉक्टर हर्षवर्धन का कहना है कि इस वैक्सीन के ट्रायल की शुरुआत सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया और भारत बायोटेक कर सकते हैं. उनका कहना है कि अभी देश में कहीं भी नेजल वैक्सीन पर कोई ट्रायल नहीं हुआ है. इस वैक्सीन को नाक के जरिए संक्रमित के शरीर में पहुंचाया जाएगा.
डॉक्टर हर्षवर्धन के अनुसार नेजल कोरोना वायरस वैक्सीन को बनाने के लिए भारत बायोटेक ने वाशिंगटन यूनिवर्सिटी के स्कूल ऑफ मेडिसिन और सेंट लुइस यूनिवर्सिटी के साथ करार किया है. इस करार के तहत ही देश के अंदर Sars-CoV-2 के लिए इंट्रानेसल वैक्सीन के ट्रायल के साथ ही उत्पादन और बिक्री हो सकेगी.
बता दें कि कोरोना को लेकर WHO का कहना है कि संक्रमण की वैक्सीन के आने में 2022 तक का समय लग सकता है. वहीं हाल ही में भारत में रूस की वैक्सीन Sputnik V के लेट स्टेज क्लीनिकल ट्रायल के लिए भारत के डॉक्टर रेड्डीज लैब और रशियन डायरेक्ट इन्वेस्टमेंट फंड को भी मंजूरी मिली है.
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