Benefits Of Shahtoot: शहतूत जैसे रसीले फलों का मजा आपने भी खूब लिया होगा. ये फल देश के अधिकांश राज्यों में आसानी से मिल जाता है. हालांकि इनका स्वाद कुछ अलग हो सकता है लेकिन गुणों में कोई बदलाव नहीं होता. ये फल अपनी बनावट और स्वाद से तो लोगों को अट्रेक्ट करता है. इससे कुछ दिलचस्प किस्से भी जुड़े हैं.
क्या आप जानते हैं कि शहतूत चीन से भारत आया है वो भी तिब्बत होते हुए. इस फल पहले सिर्फ सिल्क वॉर्म के लिए उगाया जाता था. सिल्क वॉर्म दरअसल मलबेरी की पत्तियों पर ही पलते हैं. इन कीड़ों के जरिए सिल्क बनाने की पूरी प्रक्रिया को सेरीकल्चर कहते हैं. जो सबसे पहले चीन में शुरू हुई. इसलिए ये माना गया कि ये फल भी सबसे पहले चीन में ही हुए.
शहतूत के फायदे
- शहतूत खाने से शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है. क्योंकि ये शरीर में व्हाइट ब्लड सेल के एक तत्व एल्कलोइड को बढ़ाते हैं.
- शहतूत के फलों से शुगर लेवल भी कंट्रोल में रहता है.
- शहतूत विटामिन के, कैल्शियम और आयरन का रिच सोर्स है जो हड्डियों के लिए फायदेमंद है.
दिलचस्प तथ्य
- पुराने समय में रोम के लोग मुंह और फेफड़े से जुड़े रोग ठीक करने के लिए शहतूत के पत्तों का उपयोग करते थे.
- नेटिव अमेरिका के लोग इस फल से डीसेंट्री का इलाज करते थे.
- मलबेरी का पेड़ लगने के दस साल बाद फल देना शुरू करता है जो वैरायटी के अनुसार अलग अलग रंग के हो सकते हैं.
- नारंगी, लाल, पर्पल, ब्लैक अलग अलग रंगों के शहतूत को डाई के लिए भी इस्तेमाल किया जाता रहा है.