(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Shani Dev तेल चढ़ाने से इसलिए होते हैं प्रसन्न, लंका दहन से जुड़ी है शनि देव की कथा
Shani Dev Upay: शनि देव को कर्मफलदाता कहा गया है. शनि देव जब बुरे फल देने लगते हैं तो उन पर सरसों का तेल चढ़ाने की सलाह दी जाती है. क्या है इसके पीछे वजह, जानते हैं ये कथा.
Shani Dev Oil: ज्योतिष शास्त्र में शनि देव को एक प्रभावशाली ग्रह माना गया है. शनि को न्यायाधीश भी कहा जाता है. शनि देव कलियुग के दंडाधिकारी हैं. मान्यता है कि इनकी दृष्टि से कोई भी नहीं बच सकता है. मनुष्य ही नहीं देवता भी शनि देव से भय खाते हैं. शनि देव को प्रसन्न रखने के लिए शनिवार के दिन शनि पर सरसों का तेल चढ़ाने की सलाह दी जाती है. इसकी क्या कथा है आइए जानते हैं.
लंका दहन की कथा
एक पौराणिक कथा के अनुसार रावण का अहंकार सातवें आसमान पर था, तो उसने अहंकार में चूर होकर अपने बल से सभी ग्रहों को बंदी बना लिया था. रावण का गुस्सा शनि देव पर भी टूटा और उसने शनि देव को भी बंधक बना लिया. इसी वक्त हनुमान जी प्रभु राम के दूत बनकर लंका गए हुए थे. रावण ने क्रोध में आकर हनुमान जी की पूंछ में आग लगाने का आदेश दिया. बदले में हनुमान जी उसकी लंका को ही जलाकर राख कर दिया. रावण की लंका में आग लगते ही सभी ग्रह आजाद हो गए लेकिन उल्टा लटका होने के कारण शनि देव के शरीर में भयंकर पीड़ा हो रही थी और वह दर्द से कराह रहे थे.
हनुमान जी की दृष्टि जब शनि देव पर पड़ी तो उन्होंने पीड़ा को शांत करने के लिए हुनमान जी ने उनके शरीर पर सरसों के तेल से मालिश की. इससे शनि देव को बहुत राहत मिली. उसी समय शनि देव ने हनुमान जी को वचन दिया जो भी हनुमान भक्त श्रद्धा भक्ति से मुझ पर तेल चढ़ाएगा उसे सारी समस्याओं से मुक्ति मिलेगी. तभी से शनि देव पर तेल चढ़ाना शुभ माना जाता है.
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