कार्डियो और वेट ट्रेनिंग दोनों कैलोरी बर्न करने का लोकप्रिय और मुफीद माध्यम है. दोनों के अनोखे स्वास्थ्य फायदे हैं और एक दूसरे के पूरक हैं. लेकिन, शुरुआत करनेवालों के लिए फैसला करना मुश्किल हो सकता है कि उनमें से सबसे ज्यादा फायदेमंद कौन है.
व्यायाम की दोनों शक्लों के बारे में जानने से फिटनेस यात्रा को शुरुआती बिंदु मिल सकता है. अब सवाल पैदा होता है कि पहले किसे किया जाए? ये आम तौर से आपके बुनियादी लक्ष्य और प्राथमिकताओं पर निर्भर करता है. लेकिन, सामान्य रूप में वेट लिफ्टिंग में अधिक प्रयास की जरूरत होती है.
इसलिए, अगर अलग दिनों पर हम ये दोनों व्यायाम न कर सकें, तो हमें वेट ट्रेनिंग को प्राथमिकता देना चाहिए और फिर कार्डियो वर्कआउट से पहले वेट लिफ्टिंग करें. कार्डियो और वेट लिफ्टिंग दोनों को शामिल करने से आपका वर्कआउट स्वस्थ व्यायाम बनाता है. कार्डियो दिल की सेहत को सुधारता है और सिर्फ वेट लिफ्टिंग के मुकाबले ज्यादा कैलोरी बर्न करता है. वजन उठाने से आपका मेटाबोलिज्म बढ़ता है, मांसपेशी बनती है और आपको चोट का जोखिम कम होता है.
कार्डियो बनाम वेट ट्रेनिंग में से कौन?
कार्डियो के फायदे- कार्डियो व्यायाम बुनियादी तौर पर कार्डियोवैस्कुलर सिस्टम के लिए काम करते हैं. कार्डियो की कई शक्लें हैं, हर एक का अपना अनोखा फायदा है. कार्डियो दिल की सेहत को सुधारता है. कार्डियो व्यायाम अपने हृदय गति को बढ़ाने के लिए जाना जाता है, जो आपके शरीर को ज्यादा प्रभावी तरीके से ऑक्सीजन इस्तेमाल करने का प्रशिक्षण देता है.
वक्त गुजरने पर ये हार्ट अटैक, कोरोनरी आर्टरी रोग, दिल की बीमारी समेत कार्डियोवैस्कुल स्थिति आपके डायबिटीज और मौत के खतरे को कम कर सकती है. दिल की बीमारी वाले को कार्डियो तुलनात्मक रूप से कम जोखिम भरा है. कार्डियो वेट ट्रेनिंग के मुकाबला ज्यादा कैलोरी बर्न करता है. एक घंटे तक जिम में कार्डियो की आम शक्ल करने से 185 पाउंड का वजनी शख्स कैसे कैलोरी बर्न करता है: दौड़ने से 600-1000 के बीच कैलोरी बर्न होती है, साइकलि चलाने से 650-1000 कैलोरी बर्न होती है, तैराकी से 500-840 के बीच कैलोरी बर्न होती है. कार्डियो करने से लंग और दिल दोनों को फायदा पहुंचता है.
वेट लिफ्टिंग के फायदे- वेट ट्रेनिंग से वैसा ही महत्व का फायदा उपलब्ध होता है जैसा कार्डियो से. हालांकि, वेट ट्रेनिंग में बाहरी वेट की जरूरत होती है. वेट ट्रेनिंग की मुख्य रूप से दो प्रकार हैं. वजन उठाने से अधिक मांसपेशियों का निर्माण होता है. वेट लिफ्टिंग आपके मेटाबोलिज्म को बढ़ा सकता है. वेट ट्रेनिंग उतना कैलोरी नहीं बर्न कर सकती जितना कार्डियो, लेकिन, व्यायाम करनेवालों के मेटाबोलिज्म को ट्रेनिंग के बाद तीन दिनो तक दिनों बढ़ा सकती है, कभी-कभी मांसपेशियों का प्रति पाउंड कैलोरी 50 फीसद अधिक कैलोरी बर्न कर सकता है. वजन उठाने से मांसपेशियों के निर्माण में मदद मिलती है.
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