Air Pollution Side Effects: पर्यावरण में बढ़ता प्रदूषण अजन्मे बच्चों को भी अपना निशाना बना सकता है. कई स्टडीज में ये सामने आ चुका है कि गर्भ में पल रहे शिशु पर भी प्रदूषण का असर पड़ता है. अब वैज्ञानिकों को पहली बार 3 महीने के भ्रूण शरीर में वायु प्रदूषण के कण मिले हैं. गर्भ में पल रहे शिशु के लिवर, फेफड़े और मस्तिष्क में नैनो पार्टिकल्स पाए गए हैं. ये इस बात का सबूत है कि प्रदूषण मां की सांस से होते हुए प्लेसेंटा को पार कर शिशु के शरीर में प्रवेश कर सकता है.
स्कॉटलैंड के एबरडीन विश्वविद्यालय और हैसेल्ट विश्वविद्यालय, बेल्जियम के रिसर्च में ये बात सामने आई है. वैज्ञानिकों का कहना है कि प्रेगनेंसी के पहले 3 महीने में वायु प्रदूषण के कण प्लेसेंटा को पार कर शिशु के शरीर में पहुंच सकते हैं. इस स्टडी को अंतराष्ट्रीय जर्नल लैंसेट प्लैनेटरी हेल्थ में पब्लिश किया गया है.
गर्भ में पले रहे 3 महीने के शिशु में दिखे प्रदूषण के कण
वैज्ञानिकों का कहना है कि यह स्थिति चिंताजनक है. क्योंकि शुरुआत के 3 महीने के बाद बच्चे का शारीरिक विकास तेज होता है. ऐसे में अजन्मे बच्चे में वायु प्रदूषण का पाया जाना चिंताजनक है. इस रिसर्च में प्रत्येक क्यूबिक मिलीमीटर ऊतक में हजारों ब्लैक कार्बन के पार्टिकल्स मिले हैं, जो मां की सांस के जरिए प्लेसेंटा से भ्रूण में चले गए थे.
शिशु के इन अंगो को प्रभावित कर रहा है प्रदूषण
इस स्टडी में 36 भ्रूणों के ऊतकों से सैंपल लिए गए, जो 7 से 20 सप्ताह के बीच के थे. शोधकर्ताओं का कहना है कि "ब्लैक कार्बन पार्टिकल्स" का गर्भनाल के ब्लड में पाया जाना ये दिखाता है कि ये पार्टिकल्स प्लेसेंटा की सुरक्षा को पार कर सकते हैं. ये कण विकसित हो रहे भ्रूण के अंगों में भी जगह बना रहे हैं. ये कण शिशु के मस्तिष्क में प्रवेश कर सकते हैं. जिससे भ्रूण के अंगों और कोशिकाओं पर इसका प्रभाव पड़ सकता है. प्रदूषण के ये कण भ्रूण के लिवर, लंग्स और दिमाग में दिखे हैं.
भारत के लिए गंभीर हो सकती है प्रदूष की समस्या
ये रिसर्च स्कॉटलैंड और बेल्जियम में प्रेगनेंट ऐसी महिलाओं पर की गई है जहां वायु प्रदूषण का स्तर काफी कम था और ये महिलाएं धूम्रपान भी नहीं करती है. ऐसे में ये नतीजे पूरी दुनिया के लिए गंभीरता का विषय है. खासतौस से भारत जैसे देशों में जहां वायु प्रदूषण का स्तर हर साल बढ़ रहा है.
भारत में शिशु पर वायु प्रदूषण का खतरा
1- जर्नल लैंसेट प्लैनेटरी हेल्थ में पब्लिश एक रिसर्च में कहा गया है कि दक्षिण एशिया में हर साल 349,681 महिलाएं वायु प्रदूषण के कारण मातृत्व के सुख से वंचित रह जाती हैं
हेल्थ इफेक्ट्स इंस्टीट्यूट में प्रकाशित आंकड़ों की मानें तो भारत में बढ़ता वायु प्रदूषण हर साल 1.2 लाख नवजातों की जान ले रहा है.
2- भारत में बढ़ते वायु प्रदूषण की वजह से हर साल करीब 17 लाख असमय मौत हो रही हैं.
3- वायु प्रदूषण से हर साल करीब 3.5 लाख बच्चे अस्थमा का शिकार बन रहे हैं.
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