दालचीनी किसी भी किचन का बहुत साधारण मसाला है. इसका इस्तेमाल कई तरह के पकवानों में किया जाता है. दालचीनी इसलिए भी लोकप्रिय है क्योंकि उससे सेहत को फायदा पहुंचता है. लेकिन, ज्यादा मात्रा में इस्तेमाल से उसका विपरीत असर भी हो सकता है. आपको जानना चाहिए बहुत ज्यादा दालचीनी खाने से क्या साइड-इफेक्ट्स हो सकते हैं.
लीवर के लिए हानिकारक
रिसर्च से पता चला है कि अत्यधिक मात्रा में दालचीनी का इस्तेमाल आपके लीवर को नुकसान पहुंचा सकता है. उसमें पाया जानेवाला एक घटक कूमेरिन के तौर पर जाना जाता है, जो आपके लीवर के लिए बेहद जहरीला हो सकता है अगर रोजाना निर्धारित मात्रा से ज्यादा सेवन किया जाए.
ब्लड प्रेशर कम कर सकता है
दालचीनी टाइप 2 डायबिटीक मरीजों में ब्लड शुगर लेवल कम करने के लिए मुनासिब समझा जाता है. लेकिन, उसका बहुत ज्यादा इस्तेमाल खतरनाक तरीके से ब्लड शुगर लेवल को नीचे भी ला सकता है. बहुत कम ब्लड प्रेशर की स्थिति हाइपोग्लाइसीमिया के तौर पर जानी जाती है और उससे चक्कर आना लगता है. ये आपके अंगों को काम करने से भी रोक सकता है. इसलिए सलाह दी जाती है कि रोजाना इस्तेमाल की जानेवाली दालचीनी की मात्रा पर नियंत्रण रखा जाए.
ये पाचन समस्याओं का कारण बन सकता है
कुछ लोगों में दालचीनी के अधिक इस्तेमाल से पेट में जलन भी पैदा हो सकती है. ये न सिर्फ दर्दनाक होता है बल्कि पेट का अल्सर और कैंसर का भी कारण बन सकता है. कुल मिलाकर, ये पाचन प्रक्रियाओं को बाधित करता है.
ये मुंह के छाले का कारण बन सकता है
दालचीनी में कार्बनिक यौगिक सिनेमएल्डिहाइड पाया जाता है और कुछ लोगों के मुंह में छाले का ये प्रमुख कारण होता है. कुछ लोग मसूढों या जुबान पर जलन और खुजली की की भी शिकायत करते हैं.
इन लोगों को दालचीनी से बचना चाहिए
अगर आपको आसानी से मुंह में छाले पड़ जाते हैं, तो आपको दालचीनी खाने से सावधान रहना चाहिए.
गैस्ट्रोपेरेसिस के मरीजों को भी दालचीनी का सेवन सीमित करना चाहिए क्योंकि उनका शरीर आसानी से उसे पचाने में सक्षम नहीं होता है.
दालचीनी में पाए जानेवाले यौगिक डायबिटीज के मरीजों को परेशान करने के गुण रखते हैं.
अस्थमा रोगियों को दालचीनी का इस्तेमाल करते वक्त चौकन्ना रहना चाहिए. ये लगातार खांसी और सांस की समस्याओं का कारण बन सकता है.
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