संयुक्त राज्य अमेरिका में एक चार वर्षीय मासूम को उसके माता-पिता की तरफ से 'बेबी गोरिल्ला' का उपनाम दिया गया है. एक दुर्लभ जेनेटिक स्थिति के कारण बच्चे के काले शरीर की छाती, पीठ, बाजू, पैर और यहां तक कि चेहरे पर लंबे बाल बढ़ गए हैं और ये सब जानलेवा बीमारी का इलाज के लिए जरूरी दवा के नतीजे में हुआ.


माता-पिता ने बच्चे का नाम दिया 'बेबी गोरिल्ला'


मात्र एक महीने की उम्र में उसके अंदर जन्मजात हाइपरिन्सुलिनिज्म की पहचान हुई, ये एक ऐसी स्थिति है जिसमें इंसुलिन के बेहद उच्च लेवल का उत्पादन करने के लिए पैंक्रियाज कारण बनता है और पीड़ित के ब्लड शुगर लेवल को खतरनाक तरीके से कम कर देता है. ये स्थिति हर 50,000 बच्चों में से एक को प्रभावित करती है.


टेक्सास निवासी उसके माता-पिता ने लक्षणों को काबू करने के लिए इलाज कराना शुरू किया. डेली मेल ने रिपोर्ट दी कि जीवन रक्षक इलाज शुरू होने के दो सप्ताह बाद बच्चे की सेहत सुधर गई, लेकिन एक अप्रत्याशित साइड-इफेक्ट ने उसे लंबे काले शरीर के बाल में ढंक लिया. हाल ही में एक पुलिस अधिकारी ने टिकटॉक पर बच्चे की कुछ तस्वीरें शेयर की हैं. हालांकि, दुर्लभ स्थिति ने बच्चे ऑनलाइन ट्रोलिंग के निशाने पर ला दिया.


दुर्लभ स्थिति में पूरे शरीर पर उगे काले बाल


मां ने खुलासा किया है कि बच्चे को डाइआजॉक्साइड दवा बीमारी से लड़ने के लिए देने की जरूरत होती है. दवा के नकारात्मक नतीजे के तौर पर मोटे काले बाल उसके शरीर पर बढ़ने शुरू हुए. धीरे-घीरे पूरे शरीर पर बाल उग आए. बाल बच्चे के चेहरे, हाथ, और पैर पर देखे जा सकते हैं. बच्चे की दुर्लभ स्थिति को देखने के बजाए लोगों ने मासूम के शरीर पर काले बाल की वजह से मां को ट्रोल करना शुरू कर दिया.


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कुछ गैर संवेदनशील यूजर ने टिप्पणी की कि मां को चाहिए कि बच्चे को वैक्सीन के लिए ले जाए या उसके हार्मोन लेवल की जांच कराए. ट्रोल का जवाब देते हुए पुलिस अधिकारी ने बताया कि उसके बच्चे के शरीर पर बाल दवा के कारण है. न तो उसके बच्चे को वैक्सीन की जरूरत है और न ही हार्मोन लेवल चेक करवाने की. इस पर प्रतिक्रिया देते हुए मां ने कहा, "मुझे परवाह नहीं है कि लोग क्या कहते हैं, मैं अपने बच्चे के साथ खुश हूं."