डार्क स्किन वाले लोगों का अक्सर यही कहना होता है कि वे आसानी से टैन हो जाते हैं. टैनिंग, फोटोडैमेज के खिलाफ बॉडी की नैचुरल सुरक्षा है, जो कि यूवी (UV) रेडिएशन से क्रिएट होता है. वहीं  मेलेनिन एक प्राकृतिक पिगमेंट है जो हमारी बॉडी द्वारा बनाया जाता है और हमें हमारी स्किन का रंग प्रदान करता है. मेलानिन शरीर को प्राकृतिक एसपीएफ (जो आप सनस्क्रीन पर भी देखते हैं) देता है, यही वजह है कि इसे बॉडी सुरक्षा कवच के तौर पर बनाती है.


ज्यादातर भारतीय फिट्जपैट्रिक (Fitzpatrick ) स्केल पर IV-V के बीच होते हैं. जब शरीर को यूवी विकिरण के संपर्क में लाया जाता है, तो दो प्रकार के परिवर्तन होते हैं जो मेलेनिन के संबंध में हो सकते हैं. यूवीए विकिरण आम तौर पर शरीर में मौजूदा मेलेनिन के ऑक्सीडेशन की ओर जाता है, जो मेलेनिन पिगमेंट को गहरा करता है और हल्का सुरक्षात्मक होता है. ये ऑक्सीडेटिव परिवर्तन आमतौर पर कुछ दिनों के लिए ही होते है और फिर ये कुछ समय बाद रिवर्स भी हो जाते हैं.


कैसे टैनिंग को रिवर्स किया जा सकता है


जैसा कि अक्सर कहा जाता है, रोकथाम इलाज से बेहतर है. इंटरनेट पर स्किन केयर के बारे में पढ़ते हुए अक्सर यही सलाह नजर आती है कि घर से बाहर निकलने से पहले स्किन पर हमेशा सनस्क्रीन लगाए. 30 एसपीएफ का सनस्क्रीन आमतौर पर काफी अच्छा माना जाता है लेकिन आपके त्वचा विशेषज्ञ आपकी स्किन के अनुसार इससे ज्यादा के एसपीएफ वाले सनस्क्रीन को लगाने की भी सलाह दे सकते हैं. सनस्क्रीन से त्वचा को एसपीएफ मिलता है और यह यूवी (UV)  किरणों के खिलाफ शरीर को अधिक मेलेनिन उत्पन्न करने के लिए आपके मेलानोसाइट्स को एक्टिव करने में मदद करता है. यूवी किरणों से सनबर्न और प्रीमैच्योर एजिंग की समस्या भी हो जाती है. एक अच्छे सनस्क्रीन का इस्तेमाल कर इन प्रॉबल्मस से बचा जा सकता है.


स्किन की उचित देखभाल करें


क्या आपके पास टैनिंग के प्रभाव को रिवर्स करने के लिए कोई ऑप्शन है. तो अच्छी खबर यह है कि आप ऐसा कर सकते हैं. हालांकि लोग स्किन क्लिनिक जाते हैं और सालों की टैनिंग और सन से डैमेज हुई स्किन को तुरंत ठीक होने की उम्मीद रखते हैं. लेकिन ऐसा मुमकिन नहीं है. आपको अपनी स्किन की उचित देखभाल करने की जरूरत है परिणा खुद ब खुद नजर आने लगेंगे. शुरुआती टैनिंग को रिवर्स करने का सबसे आसान उपाय है टॉपिकल मेडिकेशन का इस्तेमाल. टैन को रिवर्स करने में विटामिन सी, ग्लाइकोलिक एसिड, कोजिक एसिड और रेटिनॉल जैसे तत्व काफी अहम रोल निभाते हैं. अपने स्किनकेयर रूटीन में सही प्रॉडक्ट्स को शामिल करने के लिए अपने त्वचा विशेषज्ञ से बात करें ताकि आप अपने टैनिंग की समस्या से निजात पा सकें.


इन ट्रीटमेंट्स को भी ले सकते हैं


1-माइक्रोडर्माब्रेशन एक ऐसा ट्रीटमेंट है जिसमें यूएसएफडीए अप्रूव्ड मशीन की मदद से एक्सफोलिएशन किया जाता है. यह सतह से मृत त्वचा कोशिकाओं से छुटकारा पाने में मदद करता है. हालांकि, इसके बाद देखभाल का काफी जरूरत होती है इस ट्रीटमेंट को कराने के बाद  तुरंत धूप में जाने से बचें और सनस्क्रीन का इस्तेमाल जरूर करें.


2-लेजर ट्रीटमेंट एक दूसरा ऑप्शन है जो कि गोल्टड स्टैंडर्ड का माना जाता है. पिगमेंटेशन से निपटने के लिए इस्तेमाल किया जाने वाला लेजर क्यू-स्विच लेजर है. इस ट्रीटमेंट की मदद से स्किन की नेचुरल टोन को वापस हासिल किया जा सकता है. लेकिन इस ट्रीटमेंट के बाद भी सनस्क्रीन का इस्तेमाल हर रोज करना बेहद जरूरी है


ये भी पढ़ें


बदलते मौसम में सर्दी-खांसी और जुकाम से निजात पाने के लिए अपनाएं ये 10 असरदार घरेलू नुस्खे


Weather Updates: पंजाब-हरियाणा में पारा सामान्य से नीचे, दिल्ली में 14 साल में सबसे सर्द नवंबर