इन मिथ्स के चक्कर में कहीं आप भी तो नहीं...!
बहुत से लोगों को हेल्थ से संबंधित कई ऐसे भ्रम होते हैं जिनका वैज्ञानिक तौर पर कोई सबूत नहीं हैं. इसके चक्कर में लोग अपना लाइफस्टाइल बिगाड़ लेते हैं. कहीं आप भी तो उनमें से एक नहीं.
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View In Appगीले बाल कहीं कोल्ड ना हो जाए – ये बात लोगों में बहुत प्रचलित है कि गीले बाल रखने से जुखाम हो जाता है. लेकिन वैज्ञानिक तौर पर ऐसा कोई सबूत नहीं है. कोल्ड या फीवर गीले बालों से नहीं बल्कि एलर्जी या वायरल इंफेक्शन से होता है. ना कि गीले बालों से.
8 गिलास पानी पीना ही है – ये तो आपने हर जगह सुना ही होगा कि दिनभर में 8 गिलास पानी पीना ही चाहिए. लेकिन ये सच नहीं है. आप अगर 6 से 7 गिलास पानी भी पीएंगे तो भी आप हेल्दी रहेंगे. क्या आप जानते हैं बहुत ज्यादा पानी पीने से शरीर में मौजूद फ्लूड डायल्यूट होकर बाहर निकलने लगते हैं. नतीजन, शरीर में सोडियम की कमी हो जाती है. आप सहज रूप से जितना पानी पी सकते हैं उतना ही पीएं. शरीर पर अतिरिक्त दबाव ना डालें.
सनस्क्रीन सिर्फ गर्मियों में लगता है - अक्सर देखा गया है लोग सर्दियों में सनस्क्रीन का इस्तेमाल नहीं करते क्योंकि वे मानते हैं कि सनस्क्रीन गर्मियों में लगता है. वे सोचते हैं कि सर्दियों में सनलाइट के दौरान उनकी त्वचा सुरक्षित है. लेकिन यूवीरेस त्वचा को सर्दियों में भी नुकसान पहुंचती हैं. सर्दी, गर्मी और बरसात हर मौसम में आपको सनस्क्रीन लगाकर बाहर निकलना चाहिए.
खाना ना खाने से घटेगा वजन - अक्सर लोग सोचते हैं कि खाली पेट रहने से वजन कम होता लेकिन प्रोफेशनल कहते हैं खाली पेट रहने से वजन बढ़ता है. अगर आप लंबे समय तक खाली पेट रहते हैं और जब भी आप खाना खाते हैं तो ओवरईटिंग करते हैं. साथ ही लंबे समय तक भूखे रहने से पोषक तत्वों की कमी हो जाती है. समय पर खाना ना खाने और सही तरह से ना खाने से मेटाबॉलिक रेट गिरने लगता है. ये तो आप जानते ही होंगे यदि मेटाबॉलिक रेट गिरता है तो पाचन शक्ति कम हो जाती है जिससे खाना देर से पचता है और वजन बढ़ता है.
लो फैट खाना यानी वजन कम - बहुत से लोग ये सोचते हैं कि लो फैट क्रीम, लो फैट बटर, लो फैट चीज – चिप्स और इसी तरह की लो फैट चीजें खाने से वजन कम होता है. लेकिन ये सिर्फ भ्रम है. बेशक लो फैट चीजें खाना अच्छी बात है लेकिन इसे वजन कम होगा ये सिर्फ एक भ्रम मात्र है. लो फैट चिप्स खाकर आप खाने को नजरअंदाज नहीं कर सकते.
कम रोशनी में पढ़ने से आंखें खराब – इसमें कोई शक नहीं है कि कम रोशनी में पढ़ने से आखों पर स्ट्रेन पड़ता है लेकिन वैज्ञानिक तौर पर ऐसा कोई सबूत नहीं है कि कम रोशनी में पढ़ने से आंखें खराब हो जाती हैं. बेशक आंखों में रूखापन होने से खुजली हो सकती है लेकिन आंखें खराब नहीं होती.
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