नई दिल्ली. हम सभी ने मिलेनियल्स के स्टीरियोटाइप्स के बारे में सुना है.  हमने सुना है कि वे शांत और असामाजिक होते हैं, आपको देखना भी पसंद नहीं करते. अक्सर "मी जनरेशन" के रूप में टैग किए गए ये लोग आलसी होने और अपने स्मार्टफोन में लगे रहने की रेपुटेशन के लिए जाने जाते हैं. लेकिन क्या ये स्टीरियोटाइप वास्तविकता है? बिजनस लीडर को देखना चाहिए कि यह पैशिनेट, मोटिवेटेड और टेक सेवी गेमचेंजर पीढ़ी है. इनसे कम्युनिकेश करने के कुछ बेहतर तरीके सीखे जा सकते हैं.


 विविधतापूर्ण जनरेशन


दरअसल ये मी जनरेशन सबसे अधिक जातीय, नस्लीय और सामाजिक रूप से विविधतापूर्ण पीढ़ी हैं. उनके पास किसी भी पिछली पीढ़ी की तुलना में अधिक कॉलेज की डिग्री हैं. वे स्वतंत्रता, सहयोग को महत्व देते हैं.


डिजिटल सेवी जनरेशन


आधुनिक समय में टेक्नोलॉजी का अत्यधिक महत्व है. मेलिनियल्स वास्तव में टेक सेवी जनरेशन है. वे नई टेक्निक को अपनाते हैं. इसलिए इनसे कुशलता से संवाद करने के लिए टेक्नोलॉजी के माध्यम एक अच्छा जरिया हैं.


फेस टू फेस बातचीत को प्राथमिकता


कई लोगों के कहने और विश्वास के विपरीत टेक्सटिंग वास्तव में इनके लिए पसंदीदा कम्युनिकेशन नहीं है. हालांकि वे वर्क पैलेस पर सबसे आवश्यक पहलुओं में से एक के रूप में टेक्नोलॉजी को महत्व देते हैं लेकिन आमने-सामने संवाद करना भी पसंद करते हैं.


सहयोगियों को इनोवेशन के लिए मोटिवेट करना


भले ही हम उन्हें "मी जेनरेशन" कहें, लेकिन मिलेनियल्स वास्तव में टीम के रूप में काम करना पसंद करते हैं. वे एक-दूसरे के साथ कंपीटिशन के साथ-साथ इनोवेशन के लिए भी मोटिवेट करते हैं.   


विजुअल कम्युनिकेशन 


64 फीसदी से अधिक मिलेनियल्स का कहना है कि अन्य कम्युनिकेश की तुलना में विजुअल कम्युनिकेश को समझना और याद रखना आसान है. दरअसल लोग जो कुछ भी देखते और करते हैं उसका लगभग 80 प्रतिशत याद रह जाता है. इन्हें वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग या मैसेजिंग टूल के माध्यम से आसानी से साझा किया जा सकता है.


सच यह यह है कि मिलेनियल्स के स्टीरियोटाइप्स सच नहीं हैं. यह बहुत  प्रेरित, प्रतिभाशाली और वर्ल्ड क्लास माइंड वाले प्रोफेशनल्स की जनरेशन है. ये अपने सहयोगियों के साथ बेहतर संवाद करना चाहते हैं.


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