Side Effects Of Using Mobile : सोने से पहले फोन का उपयोग करना स्वास्थ्य के लिए अच्छा नहीं होता है. अगर आप सोने से पहले घंटों फोन देखते हैं तो इस आदत को आपको बदल लेने में ही भलाई है. दरअसल, यूरोपियन स्पेस एजेंसी में छपी पोस्ट में एक रिसर्च के अनुसार रात में मोबाइल या किसी दूसरे इलेक्ट्रॉनिक गैजेट का इस्तेमाल करने से स्लीप हार्मोन ‘मेलाटोनिन’ का उत्पादन बाधित होता है. इससे लोगों को गहरी नींद नहीं आती. यही नहीं, सुबह देर से उठने के बावजूद वे खुद को तरोताजा महसूस नहीं करते. 


शोध में बताया गया है कि फोन की नीली रोशनी सोने से पहले मेलाटोनिन हॉर्मोन के स्राव को प्रभावित कर सकती है जिससे नींद में दिक्कत हो सकती है. इसलिए सोने से कम से कम 30-60 मिनट पहले फोन का उपयोग बंद कर देना अच्छा होता है. यह सुनिश्चित करने के लिए कि आपकी नींद अच्छी और गहरी हो, फोन का उपयोग सीमित रखना महत्वपूर्ण है. 


जानें क्या है ब्लू लाइट
इस रिर्सच को स्पेस स्टेशन में किया गया है रिपोर्ट में बताया गया है कि ब्लू लाइट (blue light) जो स्मार्टफोन स्क्रीनों से निकलता है, यह सोने से पहले आपके सिरकेडियन रिद्धिम को प्रभावित कर सकता है, जिससे सुबह की आपकी नैचरल रिस्पॉन्स पर प्रभाव पड़ता है. रिपोर्ट में यह बताया गया है कि सोने से पहले फोन का उपयोग कम करें या फिर ब्लू लाइट कम करने वाले ऐप्स का उपयोग करें, ताकि आपको अच्छी नींद आ सके. 


जानें क्या कहता रिपोर्ट 
इस रिर्सच से यह भी पता चला है कि पृथ्वी पर भी जलवायु परिवर्तन नींद पर नकारात्मक प्रभाव डाल रहा है. ईएसए (यूरोपीयन स्पेस एजेंसी) का मानना है कि अंतरिक्ष में नींद के शोध से पृथ्वी पर होने वाली नींद संबंधी समस्याओं को सुलझाने में मददगार साबित होगा. रिसर्च के लिए एक विशेष उपकरण बनाया गया है जिससे व्यक्तियों की नींद की गुणवत्ता को मॉनिटर करने के लिए विशेष उपयोग किया जा रहा है, जो उनकी ब्रेन की गतिविधि को रात भर में ट्रैक कर सकता है. 


Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई विधि, तरीक़ों और सुझाव पर अमल करने से पहले डॉक्टर या संबंधित एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें.