How Do You Introduce Spices To Kids: जन्म के शुरुआती छह महीनों तक शिशु के लिए मां का दूध ही उसके शारीरिक विकाश का आधार  माना जाता है, मां के दूध में सभी तरह के पोषक तत्व मौजूद होते हैं, जो बच्चे के विकास में मदद करते हैं, छह महीने तक बच्चे को सिर्फ मां का दूध पिलाया जाता है, जो सेहत के लिए बहुत फायदेमंद होती हैं,उसके बाद शिशु को मां के दूध के अलावा पानी और अन्य आहार दिया जा सकता है, आमतौर पर हर मां चाहती है कि उसका बच्चा स्वस्थ और निरोगी रहे, इसलिए छह महीने के बाद बच्चों को दाल का पानी, साबुदाने की खिचड़ी, सेब की प्‍यूरी सहित कई तरह के हल्के आहार दिए जाते हैं.


बच्चों को करवाएं इन मसालों का सेवन


शुरुआती समय में बच्चों को भोजन में हल्‍दी, अदरक, सौंफ, अजवायन,दालचीनी, इलायची, हींग और जीरे जैसे मसलों का सेवन कराने की आदत डालें,  इसके अलावा अगर आपको कोई नई मसालों को देना चाहते है, तो इसके लिए लगभग 3-4 दिन का समय दें, लेकिन अगर मसाला बच्चों को नुकसान कर रहा है, तो उसे वही रोक दें, आइए जानते हैं मसलों कौन कौन से मसालों से कैसे फायदा मिलता है. 



लहसुन (Garlic)- लहसुन आप बच्चे को 8-10 महीने के बाद दे सकते हैं, दाल, सांभर, करी, और सब्जी आदि में लहसुन का प्रयोग किया जा सकता है, यह गैस्ट्रिक समस्याओं से राहत प्रदान करता है और यह बीमार करने वाले सिम्पटम्स को खत्म करता है. 


दालचीनी (Cinnamon)- केक को छोड़कर बच्चे के भोजन में एक चुटकी दालचीनी पाउडर मिलाना हमेशा फायदेमंद साबित होता है, दालचीनी को सेब, जैम, फ्रूट, ओट्स,  नाशपाती प्यूरी और मसाला खिचड़ी में मिलाया जा सकता है, साथ ही चुटकी भर दालचीनी, जायफल और इलायची पाउडर को खीर या पायसम या अन्य मीठे व्यंजनों में मिलाया जा सकता है, यह एक अच्छा एंटीऑक्सीडेंट माना जाता है, जो बच्चों के पांचन शक्ति को मजबूत बनाने का काम करती है.  


गरम मसाला (Garam masala)- बच्चों को 8 साल की उम्र से गरम मसाला खिलाना शुरू कर सकते हैं, गरम मसाले में कई तरह के मसालों का मिक्सचर होता है, जो स्वास्थ्य के लिए बेहत फायदेमंद माना जाता है, स्वाद बढ़ाने के लिए गरम मसाला पाउडर को खिचड़ी, पेनकेक्स, बिरयानी आदि में मिलाया जा सकता है.


Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई विधि, तरीक़ों व दावों की एबीपी न्यूज़ पुष्टि नहीं करता है. इनको केवल सुझाव के रूप में लें. इस तरह के किसी भी उपचार/दवा/डाइट पर अमल करने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.


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