खाने को स्टोर करके रखना आजकल की बिज़ी लाइफ में कोई नई बात नहीं है. ज्यादातर लोगों के घरों में बचा हुआ खाना आमतौर पर फ्रिज में स्टोर करके रखा जाता है. इस इरादे से कि इसे बाद में खा लिया जाएगा. कई लोग तो इस डर से बासी खाना खाने को मजबूर होते हैं कि इसे फेंकना पाप है. इससे मां अन्‍नपूर्णा का अपमान होता है और वह नाराज होती हैं. हालांकि क्या आप यह जानते हैं कि बासी खाना खाने से आपको किस किस तरह की परेशानियों से जूझना पड़ सकता है और इससे आपके शरीर में कैसी-कैसी समस्याएं जन्म ले सकती हैं? आज हम आपको इस खबर में बताएंगे कि बासी भोजन करना आपकी सेहत पर कितना बुरा प्रभाव डाल सकता है.


आमतौर पर देखा जाता है कि हर किसी के घर में भोजन करने के बाद खाना अक्सर बचा रह जाता है. कई लोग जानबूझकर भी खाना ज्यादा बनाते हैं ताकि अगले पहर के लिए भी हो जाए, क्योंकि दोबारा बनाने के लिए समय की काफी कमी होती है. लोग फ्रिज में इसे स्टोर करके रख देते हैं और सुबह या रात को गर्म करके दोबारा खा लेते हैं. ऐसा लगभग हर आम घर में होता है. इस बचे हुए खाने को ही हम बासी खाना कहते हैं.


बासी खाना कभी ना खाएं


बचा हुआ खाना अगर ज्यादा देर तक रखा जाए तो वह बासी हो जाता है. हर किसी के मन में यह सवाल होता है कि बचा हुआ खाना खाना चाहिए या नहीं और अगर खाना चाहिए तो कितनी देर रखने के बाद उसे खा लेना चाहिए. दरअसल बासी भोजन करना हमारी सेहत के लिए फायदेमंद बिल्कुल नहीं होता. इसे खाने से आपको कई तरह की परेशानियां हो सकती हैं, जो बड़ी चिंता के रूप में भी उभर सकती है. रेफ्रिजरेटर को अक्सर बचे हुए भोजन को स्टोर करने के लिए सबसे अच्छा ऑप्शन माना जाता है, लेकिन भोजन को लंबे समय तक ताजा बनाए रखने के लिए यह हमेशा सबसे अच्छा ऑप्शन साबित नहीं होता.


क्या कहते हैं एक्सपर्ट्स? 


एक्सपर्ट्स मानते हैं कि बचा हुआ खाना फ्रिज में सिर्फ 48 घंटे तक ताजा रह सकता है. 48 घंटे के बाद उसका सेवन करने से आपके पाचन तंत्र पर बुरा प्रभाव पड़ सकता है. इतना ही नहीं, ऐसे भोजन का सेवन आपको आलसी और गुस्सैल भी बना सकता है. टीओआई की रिपोर्ट के मुताबिक, भोपाल की न्यूट्रिशनिस्ट डॉ. रुचि सोनी बताती हैं कि आप भोजन को कैसे भी स्टोर करें, लेकिन पकाने के 3 घंटे के अंदर इसको खाना जरूरी है. उनके मुताबिक, बचे हुए या बासी भोजन को दोबारा गर्म करना 'तामसिक' माना जाता है. इससे न केवल भोजन का पोषण मूल्य घटता है, बल्कि यह खाने के स्वाद और इसकी गुणवत्ता को भी प्रभावित कर सकता है. डॉ रुचि यह भी कहती हैं कि बचा हुआ खाना खाने से फूड से संबंधित पैदा होने वाली बीमारियां जैसे कि फूड पॉइजनिंग का खतरा भी बढ़ सकता है.


वहीं, दिल्ली की लोकप्रिय न्यूट्रिशनिस्ट मानसी गुप्ता कहती हैं कि खाने को खाने के लिए कई बार गर्म किया जाता है, इससे यह आपके शरीर को कोई एनर्जी प्रदान नहीं करती है या किसी मूड बूस्टर को एक्टिव नहीं करती है. दोनों एक्सपर्ट्स का यही मानना है कि व्यक्ति को ताजा पका हुआ खाना ही खाना चाहिए. अगर आपके पास अपने लिए स्वादिष्ट भोजन बनाने की ताकत नहीं है या आपका शेड्यूल बिजी रहता है तो आप ताजे खाने के तौर पर घुगनी, भुने चने, पॉपकॉर्न, मूंगफली के मक्खन के साथ केला, बेरीज और पोहा के साथ यूनानी दही खा सकते हैं.


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