कोरोना वायरस की पहली लहर में स्टेरॉयड्स का इस्तेमाल गंभीर रूप से कोविड-19 मरीजों के लिए प्रभावी पाया गया था और कई मामलों में जीवन रक्षक दवा साबित हुई. लेकिन दूसरी लहर में डॉक्टर विशेष मामले की बुनियाद पर इस्तेमाल कर रहे हैं और लोगों को अपने डॉक्टरों की सलाह के बिना लेने उसे लेने से मना कर रहे हैं. 


स्टेरॉयड ऐसी दवाइयां होती हैं जो कोर्टिसोल से मिलती जुलती हैं जो हमारे एड्रिनल ग्रंथि द्वारा पैदा एक हार्मोन है. ये शक्तिशाली सूजन रोधी दवाइयां हैं जो गंभीर कोविड-19 के वक्त होनेवाले सूजन को रोक या धीमा कर सकता है. अगर अनियंत्रित छोड़ दिया जाए, तो इस तरह का सूजन महत्वपूर्ण अंगों जैसे लंग्स को नुकसान पहुंचा सकता है. 


स्टेरॉयड का इस्तेमाल पिछले साल ब्रिटेन में हुए 'रिकवरी ट्रायल' के बाद कोविड-19 के गंभीर मामलों में बिल्कुल आम हो गया था. उसके इस्तेमाल से ऑक्सीजन सपोर्ट या वेंटिलेटर के मरीजों में मृत्यु दर कम दिखाई दिया. हालांकि, गौर करनेवाली बात है कि स्टेरॉयड ने उन मरीजों को फायदा नहीं पहुंचाया जिनको ऑक्सीजन सपोर्ट की जरूरत नहीं थी. इसलिए, उसका इस्तेमाल कोविड-19 के मामूली मरीजों पर नहीं किया जाना चाहिए.


कोविड-19 का पहला सप्ताह मुख्य रूप से वायरस से होनेवाले संक्रमण में शामिल है. दूसरे सप्ताह में शरीर इम्यून रिस्पॉन्स स्थापित करता है. अगर मरीज को स्टेरॉयड्स पहले सप्ताह दिया जाता है, तब ये वास्तव में संक्रमण प्रसार को खराब कर सकता है या माध्यमिक संक्रमण की वजह बन सकता है. 


कोविड-19 के किन मरीजों को नहीं है स्टेरॉयड्स की जरूरत?


हल्के लक्षण में होम आइसोलेशन के मरीज जिनका ऑक्सीजन लेवल 94 से ऊपर हो और न्यूमोनिया नहीं हो. कोविड-19 की शुरुआत के 7 दिनों बाद खराब खांसी और उच्च तापमान होने पर 3-5 दिनों का संक्षिप्त कोर्स डॉटक्टर की निगरानी में विचार किया जा सकता है. बीमारी की शुरुआत के 5 दिनों बाद अगर बुखार या खांसी नहीं जाती है, तब मुंह के जरिए ली जानेवाली दवा बुडेसोनाइड दी जा सकती है.


गर्भवती, स्तनपान करानेवाली महिला और बच्चों के लिए दवा सुरक्षित है?


स्टेरॉयड्स जैसे बीटामेथासोन, डेक्सामेथासोन का इस्तेमाल प्रेगनेन्ट महिलाओं में वक्त से पहले जन्म के खतरे से बचाने के लिए नियमित किया जाता है. उसके सुरक्षा और संभावित फायदों को देखकर डेक्सामेथासोन गर्भवती महिलाओं के लिए सिफारिश की जाती है जिनको अतिरिक्त ऑक्सीजन की जरूरत होती है. हालांकि कोविड-19 के साथ संक्रमित बच्चों में स्टेरॉयड्स की सुरक्षा और प्रभावकारिता को पूरी तरह साबित नहीं किया गया है. उसका इस्तेमाल एक मामले से दूसरे मामले के आधार पर होना चाहिए. 


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