आयुर्वेद में दूध का बहुत महत्व है. दूध में न सिर्फ प्रोटीन होता है बल्कि पोषक तत्व जैसे विटामिन्स ए, बी1, बी2, बी12, डी, पोटैशियम और मैग्नीशियम भी होते हैं. वेजिटेरियन के लिए प्रोटीन का सबसे अच्छा साधन है, लेकिन क्या आप वाकिफ हैं कि कुछ सामग्रियों के साथ दूध का सेवन शरीर पर साइड-इफेक्ट्स डाल सकता है.
फल और दूध- आयुर्वेद में दूध और फल का इस्तेमाल अलग-अलग सुझाया गया है. दूध एक प्रकार का पशु से प्राप्त प्रोटीन है जो पाचन समस्या, एसिडिटी और पाचन नलिका में खास फल जैसे केला के साथ होने से खमीर की वजह बन सकता है.
मछली और दूध- दूध और मछली को एक साथ या तुरंत आगे-पीछे कभी नहीं लिया जाना चाहिए. दूध को शरीर में पचने के लिए समय की जरूरत होती है, क्योंकि बहुत सारे पोषक तत्व उसमें मौजूद होते हैं. किसी अन्य प्रकार की प्रोटीन जैसे मांस-मछली के साथ मिलाना पाचन तंत्र पर बहुत ज्यादा दबाव डालता है.
दही और दूध- दूध और दही भी पशु से प्राप्त प्रोटीन के दो स्रोत होते हैं और इसलिए एक साथ इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहिए. दोनों को साथ मिलाने के नतीजे में डायरिया, एसिडिटी और गैस होने का खतरा रहता है.
तरबूज और दूध- शरीर को हाइड्रेटेड रखने के साथ तरबूज में कई फायदे हैं. तरबूज में पोटैशियम, फाइबर समेत कई सारे पोषक तत्व पाए जाते हैं, लेकिन उसको दूध के साथ लेने के कारण कुछ असुविधा हो सकती है और सामान्य से ज्यादा गैस का उत्पादन हो सकता है. इसलिए बेहतर है कि थोड़ा तरबूज खाने के बाद दूध पीने से बचा जाए.
दूध का सेवन कब करें- माना जाता है कि दूध पीने का एक खास समय होता है. आयुर्वेद विशेषज्ञ डॉक्टर अबरार मुल्तानी के मुताबिक, अगर आप अपना शरीर बनाना चाहते हैं, तो दूध को सुबह में पीएं, वरना रात में दूध का सेवन करें.
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