नई दिल्ली: स्वस्थ परिवार का खाना शुरू होता है स्वस्थ संवाद से. परिवार के सदस्यों का एक साथ बैठकर खाना खाने से संतुलित खानपान की आदतों को काबू रखने में मदद मिलती है. नए अध्ययन में खानपान और व्यवहार को लेकर खुलासा हुआ है. शोध के मुताबिक कोई भी परिवार का सदस्य घर में व्यवहार और स्वस्थ पैटर्न को प्रभावित कर सकता है. अगर उसके पास बच्चों को प्रभावित करने की क्षमता नहीं भी है तब भी एक दूसरे को प्रभावित करते हैं.
लॉकडाउन के दौर में जरूरी है कि परिवार के सदस्य स्वस्थ अंदाज में और खुला संवाद स्थापित करें. जिससे ज्यादा सौहार्द बना रहे और कम मतभेद देखने को मिले. जब आप एक ही छत के नीचे कई दिन गुजारते हैं तब संघर्ष का होना लाजिमी है. जिसे नजरअंदाज किया जा सकता है. नए शोध के मुताबिक परिवार के सदस्य एक साथ खाना खाकर घर में संवाद को सुधार सकते हैं. शोध में कम हतोत्साहित करनेवाली बातों का संबंध बेहतर संवाद से जोड़ा गया है. और ये उसी वक्त हो सकता है जब सुबह और शाम में एक साथ खाना खाने बैठा जाए.
नए शोध के बाद कई पहलुओं पर मिलेगी मदद
टेलीविजन के सामने बैठकर खाने से ऐसा रवैया देखने में नहीं आता है. शोधकर्ताओं ने 259 लोगों पर रिसर्च किया. इस दौरान पाया गया कि बच्चों के साथ खुला संवाद फायदेमंद होता है. बच्चों के वजन के बारे में सीधे बात करना उनके स्वस्थ शरीर के व्यवहार के विकास में हानिकारक नहीं होता है. ऐसे अभिभावक जिनका स्वस्थ संवाद था और अपने खानपान की आदतों के बारे में कम हतोत्साहित करनेवाली बातें करते थे ऐसे लोग परिवार के भोजन का हिस्सा बन गए.
नए शोध के बाद अब भविष्य में परिवार आधारित हस्तक्षेप का खाका बनाने के लिए जरूरी सबूत मुहैया होंगे. इससे व्यवहार में परिवर्तन और वजन घटाना, बच्चों में मोटापा को रोकना और परिवार के खानपान की आदतों को सकारात्मक बनाने में मदद मिलेगी.
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